इंदौर। गुरु पूर्णिमा यानी गुरुजन का अभिनंदन, वंदन, मंगल पूजन… नगर से लेकर कस्बों तक और महानगर से लेकर अंचल तक, सभी जगह गुरुजन का सम्मान होगा। जगह-जगह भारत की महान गुरु-शिष्य परंपरा जीवंत होगी। सभी आश्रमों में गुरुओं को शिष्य नमन करेंगे, वहीं कई स्कूलों में भी सम्मान के आयोजन होंगे।
आज गुरु पूर्णिमा पर समूची सृष्टि की ओर से इसी बात का बखान होगा कि गुरु बिन होत न ज्ञान। गुरु ही वह कुम्हार है, जो कच्ची मिट्टी जैसे बच्चों के मन-मस्तिष्क को संवार कर अच्छे नागरिक और विशेषज्ञ के रूप में उसे आकार देता है। इसी संदर्भ में यहां प्रस्तुत हैं आधुनिक युग के कुछ गुरुओं की प्रेरक कहानियां, जिन्होंने साधारण स्वरूप में रहते हुए शिष्यों के व्यक्तित्व को असाधारण बना दिया।
छत्रीबाग में 1008 दीपों से होगा रामदयाल महाराज का पाद पूजन
छत्रीबाग स्थित रामद्वारा में गुरु पूर्णिमा के मौके पर आज यानी सोमवार को महोत्सव में अंतरराष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी रामदयाल महाराज का हजारों भक्त गुरु पाद पूजन करेंगे। समिति के मुकेश कचोलिया, रामसहाय विजयवर्गीय, हेमंत काकानी, योगेश सोनी ने बताया ने बताया कि गुरु पूर्णिमा महोत्सव के लिए स्तर पर तैयारी हो चुकी है।
इस महोत्सव में मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, सहित देशभर के अलग-अलग राज्यों से भक्त आएंगे। सोमवार सुबह वेद मंत्रों के साथ स्वामी रामदयाल महाराज का गुरु पाद पूजन होगा। उसके बाद महाराज की 1008 दीपों से महाआरती की जाएगी। इस महोत्सव में रामधुनि, प्रवचन, महाआरती और प्रसादी वितरण होगा।
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