20 प्रतिशत बसाहट पर मिलेंगी सुविधाएं इसलिए वीरान पड़ी गंगाराम बांदिल योजना

 ग्वालियर। ग्वालियर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की गंगाराम बांदिल योजना के हितग्राही पिछले एक दशक से परेशान हो रहे हैं। शिवपुरी लिंक रोड स्थित इस योजना में हितग्राही मकान बनाना चाहते हैं। इसके लिए पानी से लेकर बिजली के कनेक्शन की आवश्यकता है। हितग्राही वहां बसाहट करना चाहते हैं, लेकिन जीडीए के अधिकारियों का तर्क है कि कुल प्लाटों में से 20 प्रतिशत पर मकान बनने की स्थिति में बिजली के कनेक्शन दिए जाएंगे। इस अजीबोगरीब नियम के कारण न तो हितग्राही वहां मकान बना पा रहे हैं और न ही वहां बसाहट हो पा रही हैं। सुविधाएं देने में ना-नुकुर करने वाला जीडीए इन हितग्राहियों से लीज रेंट से लेकर जुर्माने के तौर पर मोटी रकम भी वसूल कर चुका है।

गंगाराम बांदिल योजना के हितग्राहियों का आरोप है कि पूरे क्षेत्र में जंगल खड़ा हुआ है न ही बिजली की व्यवस्था है और न ही पानी। सुविधाएं नहीं होने के कारण वह अपने मकान नहीं बनवा पा रहे है। हितग्राहियों ने अपनी गाढ़ी कमाई के पैसों से यहां भूखंड खरीदा था। अब जब मकान बनवाने की बारी आई, तो यहां सुविधाएं नहीं है। मकान बनवाने के लिए लोगों को खुद के खर्चे पर टैंकर मंगवाना पड़ेगा, साथ ही बिजली की व्यवस्था नहीं होने से 200 मीटर दूर से तार डालना पड़ेगा। जीडीए में जब भूखंड खरीदने वालों ने आवेदन दिया, तो वहां अधिकारियों ने कहा कि भवन निर्माण की अनुमति लेकर वह निर्माण कार्य शुरु करें, लेकिन सुविधाएं नहीं होने के कारण भवन निर्माण शुरु नहीं कर पा रहे हैं। भवन निर्माण की अनुमति की एक निश्चित सीमा होती है यदि उस समय सीमा के अंदर निर्माण शुरु नहीं होता है तो उसे निरस्त मान लिया जाता है।

जीडीए हर साल वसूल रहा संधारण शुल्क

भवन निर्माण नहीं करने पर प्राधिकरण द्वारा लोगों पर जुर्माने के साथ-साथ संधारण शुल्क भी वसूला जा रहा है। हितग्राहियों पर जीडीए 50 रुपए प्रति वर्गमीटर की दर से सालाना संधारण शुल्क लगा रहा है। कुछ साल पहले यह शुल्क पांच रुपए प्रति वर्गमीटर था और वह भी संपत्ति खरीदने के वक्त एक बार ही ले लिया जाता था, लेकिन वर्ष 2014 में जीडीए के संचालक मंडल ने न सिर्फ संधारण शुल्क बढ़ा दिया बल्कि उसे सालाना देने का नियम बना दिया। इसके चलते अब भूखंड स्वामियों से संधारण शुल्क 50 रूपए वर्ग मीटर के हिसाब से लिया जा रहा है।

बना हुआ है सिर्फ एक मकान

इस योजना में वर्षों बाद भी सिर्फ एक ही मकान बना हुआ है। बाकी के लोग अपने मकान बनाने के इच्छुक हैं, लेकिन सुविधाएं नहीं हैं। हाल ही में एक हितग्राही उमा नायक ने इस मामले में ग्वालियर विकास प्राधिकरण कार्यालय में शिकायत भी दर्ज कराई है कि वे अपने प्लाट पर मकान का निर्माण कराना चाहती हैं, लेकिन बिजली की सुविधा नहीं होने के कारण काम नहीं हो पा रहा है।

नियम के अनुसार निर्णय लेंगे

मेरे पास अभी गंगाराम बांदिल योजना के किसी हितग्राही की कोई शिकायत नहीं आई है। यदि कार्यालय में कोई शिकायत हुई है, तो मैं इसे चेक कराता हूं। हम टीएंडसीपी व जीडीए के नियम के अनुसार सुविधाएं मुहैया कराने पर निर्णय लेंगे।

प्रदीप शर्मा, सीइओ जीडीए

बसाहट होने पर कनेक्शन देने के लिए कहा

गंगाराम बांदिल योजना में मेरे परिवार का एक प्लाट है। वहां मकान बनवाने के लिए डीपी रखवाने की जरूरत है, क्योंकि बिजली की व्यवस्था नहीं है। जब कार्यालय में अधिकारियों से बात की, तो उनका कहना था कि बसाहट होने पर कनेक्शन दिए जाएंगे। जब बिजली ही नहीं होगी, तो लोग मकान कैसे बनाएंगे।

दिलीप नायक, हितग्राही

सुविधा मिलने पर बना पाएंगे मकान

गंगाराम बांदिल योजना में मेरा प्लाट क्रमांक 57 है। मैं इस पर मकान बनाना चाहता हूं, लेकिन वहां बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं ही उपलब्ध नहीं हैं। यदि ये सुविधाएं मिल जाएं, तो सभी लोग वहां मकान बना लेंगे और वर्षों से वीरान पड़ी योजना में बसाहट हो जाएगी।

बलराम पाराशर, हितग्राही

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