शमी के पौधे के इन उपायों से घर में होगा सुख समृद्धि का वास प्रसन्न होंगे महादेव

भगवान शिव को शमी की पत्ती चढ़ाने का बहुत ज्यादा महत्व रहता है। कहते है कि शमी की पत्ती भगवान को चढ़ाने से वे बेहद प्रसन्न रहते है। इसके अलावा शमी के पौधे का भी हमारे जीवन में बहुत महत्व रहता है। कहते है कि शमी का पौधा घर में लगाने से भगवान शिव प्रसन्न होते है और हमें सुख-समृद्धि प्रदान करते है। आइए जानते है शमी के उपाय से हम कैसे समृद्ध और सुखी बन सकते है।

खर्चों को रोकने में मददगार

शनिवार की सुबह उठकर पहले आपको शमी के गमले में मिट्टी खोदकर उसमें एक सिक्का और सुपारी गाड़ देना है।इसके बाद लगातार 7 दिनों तक उस पौधे के आगे तिल के तेल का दीपक लगाना है।ऐसा करने से खर्चों को कम करने में मदद मिलती है।

आर्थिक समृद्धि के लिए

कहते है कि शमी का पौधा आर्थिक समृद्धि में भी मददगार साबित होता है। बस आपको इसे तुलसी के गमले के पास रखने का आवश्यकता है और एक बात का आपको ध्यान रखना है की इसे आप तुलसी के गमले के दाई ओर रखे और इसमें रोजाना दीपक जलाएं। इससे घर में समृद्धि आती है।

कर्ज मुक्ति के लिए

माना जाता है कि शनिवार के दिन शमी के सबसे निचले हिस्से में काली उड़द और काली तिल चढ़ाएं। इससे शनि दोष से राहत मिलती है और आपका कर्ज धीरे-धीरे कम होने लग जाता है।

नौकरी पाने के लिए

इसके लिए आपको शनिवार के दिन शमी का पौधा उत्तर दिशा में लगाना है और उस पर तांबे के लोटे से जल अर्पित करना है।इससे आपको लाभ मिलेगा।

धन संपदा के लिए

शमी का पौधा कभी भी घर के अंदर नहीं लगाना चाहिए।इसको लेकर कहा जाता है की शमी का पौधा हमेशा घर के बाहर ही लगाएं। इससे धन संपदा बनी रहती है।

पर्स में रखें शमी की पत्ती

शमी की पत्तियों के पूजन का बहुत महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि शमी के पूजन से भगवान शिव प्रसन्न होते है और आपको धन संपदा से परिपूर्ण रहते है। इन पत्तों को पर्स में रखने से सुख समृद्धि बनी रहती है।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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