चुनावी वर्ष में कर्मचारियों को भी मिल सकता है तोहफा डीए बढ़ाने से लेकर वेतनमान में सुधार संभव

भोपाल। मध्‍य प्रदेश में नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव (mp election 2023) को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) चौहान सभी वर्गों को साधने में जुटे हैं। महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री ‘लाड़ली बहना’ (ladli behna) तो युवाओं के लिए ‘सीखो कमाओ योजना’ लागू की जा चुकी है। किसानों को ऋण ब्याज माफी देने के बाद अब सरकार की नजर कर्मचारियों पर है।

कर्मचारियों को साधने के लिए कई घोषणाएं जल्द ही की जा सकती हैं। इसमें महंगाई भत्ता चार प्रतिशत बढ़ाने के साथ लिपिक संवर्ग को चार स्तरीय वेतनमान और पदनाम दिया जा सकता है। संविदा, पंचायत और रोजगार सहायकों की मांग को लेकर वित्त विभाग विचार-विमर्श कर रहा है। कर्मचारी आयोग ने पेंशन नियम में भी परिवर्तन प्रस्तावित कर दिया है।

मध्‍य प्रदेश में सभी संवर्गों के साढ़े सात लाख नियमित कर्मचारी और साढ़े चार लाख पेंशनर हैं। सवा दो लाख संविदा कर्मचारी 20 प्रतिशत पदों पर नियमित करने के साथ सौ प्रतिशत वेतन देने तो 22 हजार रोजगार सहायक मानदेय में वृद्धि और पंचायत सचिव पद पर समायोजन करने की मांग कर रहे हैं।

लिपिक संवर्ग के 60 हजार से अधिक कर्मचारी चौथे समयमान वेतनमान और पदनाम देने को लेकर कई बार ज्ञापन दे चुके हैं। चुनावी वर्ष में कर्मचारियों की मांगों को लेकर कांग्रेस गंभीर है और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा कर चुके हैं। उधर, राज्य सरकार भी कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर गंभीर हुई है। राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के माध्यम से कर्मचारियों की मांगों की जानकारी ली जा चुकी है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रारंभिक विचार-विमर्श भी कर लिया है। चार प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाने की घोषणा इसी माह हो सकती है। अभी कर्मचारियों को 38 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता मिल रहा है। जबकि, केंद्र सरकार इसे बढ़ाकर 42 प्रतिशत कर चुकी है। जुलाई में फिर वृद्धि संभावित है। कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेश चंद्र शर्मा का कहना है कि मुख्यमंत्री कर्मचारियों की मांगों को लेकर गंभीर हैं और जल्द ही निर्णय होगा।

किस वर्ग को क्या मिल सकता है

संविदा- वर्ष में एक बार सेवा का आकलन कर निरंतरता की प्रक्रिया को समाप्त कर सौ प्रतिशत वेतन। अभी 90 प्रतिशत वेतन मिलता है।

लिपिक- राज्य प्रशासनिक, राज्य पुलिस, राज्य वन सेवा और वित्त सेवा संवर्ग की तरह चौथा समयमान वेतनमान और पदनाम।

पंचायत सचिव और रोजगार सहायक- सातवें वेतनमान के अनुरूप वेतन में वृद्धि और सचिव के रिक्त पदों पर रोजगार सहायक को प्राथमिकता दी जा सकती है।

पेंशनर- आश्रित विधवा, परित्यक्ता और तलाकशुदा बेटी को भी परिवार पेंशन की पात्रता होगी। आश्रित 25 वर्ष की आयु के बाद दिव्यांग हो जाता है, तो भी परिवार पेंशन मिलेगी। उस वसूली प्रकरण में पेंशन से राशि काटी जा सकेगी, जिसकी सूचना सेवानिवृत्ति से पहले दी गई हो। पेंशन प्रकरण में विलंब के लिए संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होंगे।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.