पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान की मुश्किलें फिर बढ़ती नजर आ रही हैं। शुक्रवार को रावलपिंडी कार्यालय में पेश नहीं होने के बाद राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (National Acountability Bureau) ने उन्हें फिर से समन भेजा है। जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तोशखाना मामले की जांच के सिलसिले में शुक्रवार को तलब किया गया था। लेकिन इमरान के बजाए उनके वकील वहां पहुंचे और नई डेट दिये जाने की मांग की। इमरान खान 19 जून को पेश होने की इजाजत मांग कर रहे थे, लेकिन एनएबी ने उन्हें 21 जून का समय दिया है, ताकि वह स्टेट गिफ्ट डिपॉजिटरी से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में पेश हो सकें।
क्या हैं आरोप?
इमरान खान पर सत्ता के दुरुपयोग, विश्वास का आपराधिक उल्लंघन, और सत्ता के पदों पर बैठे लोगों द्वारा राज्य की संपत्ति के गैरकानूनी संचालन जैसे आरोपों में जांच चल रही है। जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक इमरान खान को प्राप्त उपहारों और बेचे गये उपहारों के विवरण के रिकॉर्ड लाने को कहा गया है। साथ ही जो उपहार उन्होंने अपने पास रखे थे, उन्हें लेकर आने को कहा गया है। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि कॉल-अप नोटिस में पहले दी गई सूची से मिलान हो सके और विशेषज्ञों द्वारा उपहारों के मूल्य का मूल्यांकन किया जा सके। आरोप लगाया गया था कि पीटीआई प्रमुख ने विदेशों से प्राप्त करोड़ों के उपहारों को अपने पास रख कर अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया। साथ ही उन्हें बेचने के दौरान उनकी कीमत तय करने में भी अपनी क्षमता का गलत इस्तेमाल किया।
समन से बचते रहे हैं इमरान
इमरान खान, पहले भी NAB द्वारा निर्धारित सुनवाई की अनदेखी करते रहे हैं। तोशाखाना मामले में उन्होंने पिछले तीन समन को नजरअंदाज कर दिया। पिछले साल नवंबर में एनएबी ने पूर्व प्रधानमंत्री, उनकी पत्नी बुशरा बीबी और अन्य कैबिनेट मंत्रियों द्वारा उपहारों के मामले में धांधली को नोटिस किया और जांच शुरु की। इससे पहले इस 19 करोड़ पाउंड यानी करीब 70 हजार करोड़ पाकिस्तानी रुपये के फर्जीवाड़े मामले में उनकी पत्नी बुशरा बीबी को भी एक बार फिर तलब किया था।
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