2 दिन बाद शुरु होने वाली है गुप्त नवरात्रि ये है पूजा सामग्री की लिस्ट और पूजा विधि

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि शुरु होने वाली है। गुप्त नवरात्रि में तंत्र-मंत्र सीखने वाले साधकों के लिए बहुत खास मानी जाती है क्योंकि इसमें 10 महाविद्याओं की पूजा कर विशेष सिद्धियां जल्द प्राप्त की जा सकती है। मान्यताओं के अनुसार, आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के दौरान जो भक्त विधि-विधान और नियमों से व्रत रखता है और पूरे 9 दिन मां दुर्गा के नव स्वरूपों की पूजा करता है, मां अंबे की कृपा से उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि तिथि

आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 18 जून 2023 को सुबह 10 बजकर 06 बजे से शुरु होगी और अगले दिन 19 मई 2023 को सुबह 11 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगी। चूंकि उदया तिथि मान्य होती है इसलिए गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 19 मई से होगी।

गुप्त नवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट

नवरात्रि में सबसे जरूरी चीज है मां दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर। साथ ही लाल रंग मां दुर्गा का सबसे खास रंग माना जाता है। इसलिए पूजा में आसन के तौर पर लाल रंग के कपड़े का इस्तेमाल करें।

इसके अलावा जो अन्य सामग्री हैं उनमें फूल, फूल माला, आम के पत्ते, बंदनवार, पान, सुपारी, लौंग, बताशा, हल्दी की गांठ, थोड़ी पिसी हुई हल्दी, मौली, रोली, कमलगट्टा, शहद, शक्कर, पंचमेवा, गंगाजल, नैवेध, जावित्री, नारियल जटा वाला, सूखा नारियल, नवग्रह पूजन के लिए सभी रंग या फिर चावलों को रंग लें, दूध, वस्त्र, दही, पूजा की थाली, दीपक, घी, अगरबत्ती आदि सामान पहले से ही एकत्रित करके रख लें।

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि पूजा विधि

इस दिन ब्रह्म बेला में उठकर सबसे पहले मां दुर्गा को प्रणाम करें। इसके बाद घर की साफ-सफाई और नित्य कर्मों से निवृत होकर गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। अब लाल रंग का नवीन वस्त्र धारण करें और इसके बाद व्रत संकल्प लें। इसके बाद मां दुर्गा का आव्हान करें।

आह्वान करने के बाद मां दुर्गा की पूजा फल, फूल, लाल पुष्प, दूर्वा, धूप, दीप आदि से करें। पूजा के समय दुर्गा चालीसा और दुर्गा स्तुति का जरूर पाठ करें। अंत में आरती-अर्चना कर सुख, समृद्धि की कामना करें। दिन भर उपवास रखें। साधक चाहे तो दिन में एक बार फलाहार कर सकते हैं। शाम में आरती कर फलाहार करें।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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