कैसे जीतेगी कांग्रेस… कमलनाथ के जयकारे से?
राष्ट्र चंडिका, सिवनी। सिवनी जिले में प्रवासी नेता कमलनाथ की जय जयकार है यह बात अलग है कि यहां नेता कांग्रेसी की राजनीतिक धरातल पर आए हैं मगर कांग्रेस में कांग्रेस की जय जयकार के नारे को बदल दिया है और अब कमलनाथ की जय जयकार करने लगे हैं और क्यों ना करें जिस जिले में पार्टी का सर्वमान्य नेता ना हो तो पड़ोसी जिले के नेता की जय जयकार करने में क्या बुराई है।
राजनीति का सही लाभ एक अच्छा ही व्यापारी लेता है जैसे कांग्रेसी जिला अध्यक्ष राजकुमार खुराना ने अपनी राजनीतिक पूर्व सांसद स्वर्गीय विमला वर्मा के मार्गदर्शन में की थी और उनके कार्यकाल में अपने व्यापार को चमकाया बाद में स्वर्गीय विमला वर्मा के शिथिल होने पर ठाकुर हरवंश सिंह के साथ रहकर अनेक ठेके लिए और पूरा माल की सप्लाई अपनी दुकान से की और अब कमलनाथ के साथ रहकर अपने धंधे को और चमका रहे हैं जैसे कपड़े चमकाने के लिए वाशिंग पाऊडर डाला जाता है लेकिन बीते 37 वर्षों में राजकुमार खुराना ने अपना भला किया है और पार्टी को गर्त में ला दिया. यही स्थिति पूर्व महामंत्री एवं पार्टी के प्रवक्ता राजिक अकील उर्फ तुर्रम खां की है जो कहते हैं वह पार्टी कार्यकर्ताओं को ही समझ में नहीं आता विपक्ष की भूमिका निभाने के स्थान पर बस जय-जय कमलनाथ नारे लगाने लगते हैं जबकि उनका वजूद समाज और आमजन में क्या है सब जानते हैं और सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ बोलने से बचना तथा अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को गुमराह कर पार्टी में ग्रुप बाजी को बढ़ावा देते हैं आज हालात यह है कि इनके कारण अब पार्टी में कई ग्रुप हो गए हैं जो जय जय कमलनाथ के नारे तो लगा रहे हैं मगर कांग्रेस को एकजुट करने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहे हैं क्या 500 का सिलेंडर और पुरानी पेंशन, नारी सम्मान योजना से पुन: सत्ता में वापस लौट पाएगी कांग्रेस यह चिंतन का विषय है?