बिलासपुर। अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य अरुण दिवाकर ने कहा की सुशासित अर्थव्यवस्था ही मानव समाज के लिए हितकर है।
लखनऊ विश्वविद्यालय के लोक प्रशासन विभाग द्वारा ” अर्थशास्त्र में सुशासन” विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के तौर पर कुलपति आचार्य अरूण दिवाकर नाथ बाजपेयी ने अपने उद्बोधन में लखनऊ विश्वविद्यालय के अटल सुशासन पीठ की स्थापना पर बधाई देते हुए कहा कि अटल जी सुशासन के प्रतिरूप थे।
उन्होंने अपने वक्तव्य में इस बात पर जोर दिया कि आधुनिक विश्व समुदाय यदि अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में सुशासित अर्थव्यवस्था का पालन करें तों यह सम्पूर्ण मानव समाज के लिए हितकर होगा। उन्होंने कहा कि आज़ का समाज भौतिक संसाधनों पर नियंत्रण और उसके उपभोग के लिए आपस में संघर्षरत हैं जबकि सुशासित अर्थव्यवस्था में सभी का आपसी सहयोग और कल्याण की भावना निहित हैं इसलिए हमें ऐसी आर्थिक प्रकिया को अपनाना चाहिए जिससे सभी के लिए लाभदायक हो।
उन्होंने इस अवसर पर लखनऊ विश्वविद्यालय के सम्माननीय कुलपति प्रो आलोक राय और अटल सुशासन शोध पीठ के सम्माननीय अध्यक्ष,राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो मनोज दीक्षित के प्रति इस कार्यक्रम में आमंत्रित करने के लिए आभार प्रकट किया।
एयू में हुई प्रतियोगिता
अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के होटल मैनेजमेंट एवं आतिथ्य सत्कार विभाग में हुआ निबंध लेखन एवं क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस के उपलक्ष पर अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के होटल प्रबंधन एवं आतिथ्य सत्कार विभाग में निबंध लेखन एवं क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें सभी विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
निबंध लेखन का विषय इस बार के अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस के थीम “इकोसिस्टम रेस्टोरेशन ” पर आधारित था। इस प्रतियोगिता का आयोजन प्रभारी विभागाध्यक्ष (सहायक प्राध्यापक) डॉ. सौमित्र तिवारी द्वारा किया गया एवं प्रतियोगिता के दौरान जोजी जोस ( अतिथि व्याख्याता), दिव्यानी सोनी( अतिथि व्याख्याता) आयुष चंद्र दुबे( अतिथि व्याख्याता) और जसमीत कौर वालिया( अतिथि व्याख्याता) मौजूद रहे।
निबंध प्रतियोगिता के प्रथम ,द्वितीय तृतीय विजेता क्रमशः शिवांगी गुप्ता , पंकज कुमार गोड़ एवम् आशीष चंद्रवंशी रहे । एवं क्विज प्रतियोगिता के प्रथम द्वितीय एवं तृतीय विजेता क्रमशः निखिल कुमार भगत, पंकज कुमार गोंड, निशू मिश्रा।
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