भाजपा नेता के बेटे को आत्महत्या से रोकने प्रेमिका ने 11 बार किए काल

ग्वालियर। भाजपा नेता बंटी सोलंकी के इकलौते बेटे और छात्र नेता हर्षवर्धन सिंह सोलंकी की आत्महत्या के मामले में नया पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने उसके मोबाइल और काल डिटेल की पड़ताल की तो सामने आया है गर्लफ्रेंड से झगड़ा आत्महत्या की वजह बना। दोनों के बीच 27 मई से बातचीत नहीं हुई थी। गर्लफ्रेंड शहर से बाहर जा रही थी, लेकिन हर्षवर्धन उसे रोक रहा था। इसी बात पर दोनों में झगड़ा हुआ। आत्महत्या करने से पहले भी बात हुई। गर्लफ्रेंड ने उसे 11 बार फोन लगाया, लेकिन तब तक हर्षवर्धन खुद को गोली मार चुका था। हर्षवर्धन को रोकने उसने मैसेज भी किया, जिसमें लिखा था तुम्हें मेरी कसम, फोन उठाओ। पुलिस के पास यह चैट रिकार्ड हैं।

युवती से पूछताछ करेगी पुलिस

महिला पुलिस अधिकारी अब युवती से इस संबंध में पूछताछ करेंगी। पनिहार निवासी भाजपा नेता बंटी सोलंकी ने बच्चों की पढ़ाई के चलते हाल ही में सिरोल थाना क्षेत्र के विंडसर हिल्स हाउसिंग सोसायटी में फ्लैट खरीदा था। यहां पत्नी कुसुम सोलंकी, बेटा हर्षवर्धन और छह साल की बेटी रहते थे। बंटी सोलंकी यहां आते-जाते रहते थे। बीती एक जून को बंटी घर पर नहीं थे। रात में इकलौते बेटे हर्षवर्धन सिंह सोलंकी ने अवैध पिस्टल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। घटना के बाद पुलिस ने उसके मोबाइल की पड़ताल कराई, मैसेंजर खंगाला तो उसमें गर्लफ्रेंड से चैट रिकार्ड मिले। दोनों में चैट में भी झगड़ा हो रहा था। गर्लफ्रेंड थाटीपुर की रहने वाली है। सिरोल थाना प्रभारी गजेंद्र सिंह धाकड़ ने नईदुनिया रिपोर्टर को बताया कि जब काल डिटेल रिपोर्ट निकाली तब भी घटना से पहले उसी युवती से बातचीत के रिकार्ड मिले। करीब 11 मिस्ड काल हैं। चैट में लिखा है कि तुम्हें मेरी कसम, फोन उठाओ। इससे स्पष्ट है कि हर्षवर्धन फोन नहीं उठा रहा था।

कक्षा 9 वीं से दोनों में थी दोस्ती

पड़ताल में आया है कि कक्षा 9वीं से दोनों के बीच दोस्ती थी। 27 मई से इनके बीच विवाद शुरू हुआ। वह बाहर जा रही थी, हर्षवर्धन उसे जाने देना नहीं चाहता था। इस पर वह उसके घर पहुंच गया, तब उसकी मां को पता लग गया। मां से मुंहवाद हुआ। इसके बाद युवती हर्षवर्धन से बात नहीं कर रही थी। आत्महत्या से पहले दोनों में बात हुई। इससे यह स्प्ष्ट है कि हर्षवर्धन ने गर्लफ्रेंड से झगड़े के चलते खुद को गोली मारकर आत्महत्या की है।

दोस्त बने दुश्मन तो साथ में रखने लगा था पिस्टल

– कंपू में दो पक्षों में गोलीबारी और विवाद हुआ था। एक पक्ष हर्षवर्धन का परिचित था। आरोपित पकड़ने पुलिस ने हर्षवर्धन से पूछताछ की थी तो आरोपितों को इस पर मुखबिरी का शक हुआ। इसके बाद आरोपित पकड़ लिए तो उनसे दुश्मनी हो गई। इसलिए हर्षवर्धन अपने साथ अवैध पिस्टल रखने लगा था। बंटी ने बाद में इस मामले में राजीनामा कराया, लेकिन इसके बाद भी हर्षवर्धन ने पिस्टल रखना नहीं छोड़ा। इसी पिस्टल से उसने बाद में आत्महत्या कर ली थी।

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