शिवपुरी। श्योपुर के कूनो से 19 मई को बाहर निकली मादा चीता आशा ने अब शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क से भी निकलकर उत्तरप्रदेश की ललितपुर सीमा की ओर रुख कर लिया है। मंगलवार को लोकेशन शिवपुरी के खनियाधाना के पास जैराघाटी के जंगल में मिली। यहां आशा ने शिकार भी किया।
जैराघाटी से वह ललितपुर की ओर जा सकती है। ऐसे में अधिकारियों की चिंता भी बढ़ने लगी है क्योंकि आशा कूनो से लगभग 150 किमी दूर आ चुकी है, यदि उसने दूसरे राज्य की सीमा में प्रवेश किया तो उसे वापस लाना और भी चुनौतीपूर्ण हो जाएगा।
हालांकि अधिकारियों का कहना है कि जैराघाटी की ओर घना जंगल है और यह जंगली जानवरों के लिए अनुकूल है। आगे वह अशोकनगर या चंदेरी की ओर जा सकती है। यदि वह उत्तरप्रदेश की सीमा की ओर बढ़ती है तो बीच में बेतवा नदी रास्ते में बाधक बन सकती है।
आशा 25 मई को शिवपुरी के पोहरी क्षेत्र में पहुंच गई थी और यहां से होते हुए वह माधव राष्ट्रीय उद्यान में पहुंची। लगातार आगे बढ़ने से अब एक-दो दिन में शिवपुरी की सीमा से भी बाहर निकल जाएगी। ऐसे में अब अधिकारी उसे ट्रेंक्युलाइज कर वापस ले जा सकते हैं क्योंकि उसका स्वत: वापस लौटना मुश्किल है।
आशा के पहले चीता पवन शिवपुरी की सीमा में आया था, जब उसके रहवासी क्षेत्र और उत्तरप्रदेश की सीमा की ओर जाने की संभावना बढ़ी थी तो अमोला क्षेत्र में रसोई गांव के पास ट्रेंक्युलाइज कर वापस ले जाया गया था।
सीसीएफ सिंह परियोजना उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि अभी आशा को वापस ले जाने के बारे में निर्णय नहीं हुआ है। खनियाधाना क्षेत्र में भी वह जंगल में ही है तो चिंता की बात नहीं है। ट्रैकिंग टीम लगातार आशा के मूवमेंट पर नजर रखे हुए है।
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