हाथ में बने गुदना ने दिखाई राह 13 वर्ष पहले गुम हुआ सत्यम मिला माता-पिता से

 सतना। 13 साल पहले गुम हुआ किशोर तब (13 वर्ष) जिला अपराध शाखा यानी डीसीआरबी और सिविल लाइन पुलिस की मदद से माता-पिता के पास लौट आया है। पुलिस ने युवक का घर तलाश करके निराश उसके माता-पिता से मिलवाया। पुलिस ने बताया कि सत्‍यम बोलने-सुनने में असमर्थ है।

सिविल लाइन थाने में दर्ज थी गुमशुदगी

पुलिस ने बताया कि मुख्त्यारगंज निवासी रामचरित्र शुक्ला का बेटा सत्यम 29 सितंबर 2010 को लापता हो गया था। सिविल लाइन थाने में गुमशुदगी दर्ज कराकर तलाश की जा रही थी, लेकिन कहीं अता पता नहीं चला। इसके बाद उक्त मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था।

वीडियो काल कर दिखाया

पिता का कहना है कि इसलिए भी निराश थे क्योंकि सत्यम बोलने-सुनने में असमर्थ है। लगभग साढ़े 13 वर्ष के बाद भगवान ने सुन ली और सिविल लाइन थाना पुलिस से एक सूचना मिली। पता चला बेटा मिल गया है। पुलिस ने थाने बुलाया और वीडियो कालिंग के जरिए बेटे को दिखाया। वह सत्यम ही था।

हाथ में पिता का नाम लिखा है

पुलिस ने बताया कि सत्यम के हाथ में पिता का नाम लिखा था जिसके कारण गुमशुदा के पिता तक पहुंचने में दिक्कत नहीं हुई। यह वही साक्ष्य था जिसके जरिए सतना पुलिस को डीसीआरबी से सूचना मिली थी। उम्र के साथ उसके चेहरे और कद काठी में बदलाव हो गया था, वह जवान हो चुका था और उसकी उम्र भी 26 वर्ष के आसपास हो गई है।

… और पुलिस सत्यम को सतना ले आई

सिविल लाइन पुलिस की एक टीम सिकंदराबाद पहुंची और सत्यम को सतना लेकर आई। हाथ पर पिता का नाम और सतना लिखा था। इस बारे में सिविल लाइन थाना प्रभारी रूपेंद्र राजपूत ने बताया कि सत्यम तेलंगाना के सिकंदराबाद में थारा नाम की संस्था के पास था। यह संस्था गुमशुदा और लावारिस मिले बच्चों को आश्रय देती है।

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