मध्य प्रदेश के देवास जिले के प्रसिद्ध मां चामुंडा टेकरी पर शनिवार शाम रोप वे टावर का तार तेज आंधी और बारिश की वजह से पूली से अलग हो गया। इससे 12 ट्रालियां बीच में फंस गई है। हालांकि केवल दो ट्रालियों में छह दर्शनार्थी ही थे। करीब सवा घंटे की मशक्कत के बाद सभी ट्रालियों को नीचे ले आया गया। दर्शनार्थी सकुशल हैं और मां चामुंडा के दर्शन करने चले गए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अनुसार छत्तीसगढ़ का परिवार दर्शनों के लिये टेकरी आया था। 10 लोगों को लेकर भोपाल से वाहन चालक आया था। 6 लोग अन्य ट्रॉली में सकुशल पहुंच गए। तार टूटने से 4 लोगों की ट्रॉली हवा में रह गई। रोप वे की अन्य ट्रालियां खाली होने की जानकारी मिली है। ओडिशा के तीन और आंध्र प्रदेश के तीन यात्री थे। कुल 6 यात्री थे। ये लोग उज्जैन महाकाल दर्शन के बाद महेश्वर, ओम्कारेश्वर होते हुए देवास दर्शन कर भोपाल जाने वाले थे।
2003 में हुआ था भूमिपूजन
रोप-वे प्रोजेक्ट के लिए नगर निगम और त्रेहान कंस्ट्रक्शन कंपनी के बीच 8 अप्रैल 2003 को एग्रीमेंट हुआ था। 4 अगस्त 2003 को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह ने भूमिपूजन किया था। नगर निगम द्वारा अन्य विभागों से एनओसी व परमिशन की प्रक्रिया पूरी करने के बाद 2010 में काम शुरू हो सका था, लेकिन बजट बढ़ने से एक बार फिर से काम धीमा हो गया। 10 अप्रैल 2017 को पहला ट्रॉयल लिया गया।
जुलाई 2017 में शुभारंभ
14 सालों के इंतजार के बाद आखिरकार जुलाई 2017 में यह रोप-वे शुरू हो गया था। तत्कालीन विधायक गायत्रीराजे पवार व महापौर सुभाष शर्मा ने शुभारंभ किया था। मालवा-निमाड़ के इस पहले रोप-वे से श्रद्धालुओं को 300 फुट ऊंची टेकरी पर पहुंचने में अब मात्र 3 मिनट का समय लगता है।
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