जबलपुर। हाई कोर्ट ने हज कमेटी को निर्देश दिए हैं कि वह याचिकाकर्ताओं को भोपाल के स्थान पर मुंबई से अपनी यात्रा शुरू करने की अनुमति देने पर विचार करें। हालांकि यात्रियों को दोनों स्थानों के बीच का अंतर-किराया जमाना होगा। यदि उनकी मुंबई से यात्रा शुरू करने की अर्जी स्वीकार होती है तो वे ये अंतर-राशि वापस पाने के हकदार होंगे। न्यायमूर्ति राजेन्द्र कुमार वर्मा की ग्रीष्म अवकाशकालीन एकलपीठ ने स्पष्ट किया कि यह व्यवस्था अंतरिम रहेगी और इस याचिका के अंतिम निर्णय से बाध्य होगी। मामले पर अगली सुनवाई 19 जून को होगी। याचिकाकर्ता भोपाल निवासी जियाउद्दीन जमाली सहित अन्य की ओर से अधिवक्ता इम्तियाज हुसैन ने पक्ष रखा।
2023 के लिए हज कमेटी ने बुलाए थे आवेदनः
याचिकाकर्ता भोपाल निवासी जियाउद्दीन जमाली सहित अन्य की ओर से अधिवक्ता इम्तियाज हुसैन ने हाई कोर्ट में दलील दी कि हज कमेटी आफ इंडिया ने वर्ष 2023 के लिए हज यात्रा के लिए आवेदन बुलाए थे। आवेदन में भोपाल, इंदौर, मुंबई सहित 10 एम्बार्केशन प्वाइंट (आरोहण बिंदु) के विकल्प उपलब्ध थे। आवेदन के समय अलग-अलग एम्बार्केशन प्वाइंट के किराया का खुलासा नहीं किया था, इसलिए यात्रियों ने अपनी सुविधानुसार विकल्प भर दिया। भोपाल से यात्रा शुरू करने वाले यात्रियों को 67 हजार 972 रुपये अतिरिक्त चुकाने पड़ रहे हैं। इसके अलावा भोपाल से यात्रा शुरू करने वालों को पहले हैदराबाद ले जाया जाएगा, उसके बाद आगे की यात्रा शुरू होगी। याचिका में मांग की गई कि याचिकाकर्ताओं को भोपाल की जगह मुंबई से यात्रा शुरू करने की अनुमति दी जाए।
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