नाट्य मंचन के जरिए द्वितीय विश्वयुद्ध की विभीषिका दर्शाएंगे बच्चे

भोपाल। कला एवं रंगमंच तथा संस्कृति के क्षेत्र में सक्रिय विहान सोश्यो कल्चरल वेलबीइंग सोसायटी की बाल सृजन इकाई स्वप्नयान द्वारा आयोजित 23 दिवसीय बाल नाट्य कार्यशाला में नाटक के मंचन की तैयारियां अंतिम चरण में है। बच्चे अपनी-अपनी तैयारियां कर रहे हैं। सभी नाटक की कहानी, संवाद, ब्लाकिंग, डिजाइन, एक्सप्रेशन को जानने और समझने में खूब मेहनत कर रहे हैं। इस नाटक का मंचन चार जून को रंगश्री लिटिल बैले ट्रूप के सभागार में किया जाएगा। बच्चों के लिए बच्चों के साथ पहली बार ‘तोत्तो चान’ नाटक खेला जाएगा।

नाटक के निदेशक सौरभ अनंत ने बताया कि यह नाटक ‘तोत्तो चान’ सन 1981 में जापानी भाषा में प्रकाशित उपन्यास (medogiwa no totto chan) पर आधारित है। किताब की लेखिका ‘तेत्सुको कुरोयानागी’ हैं। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य यह है कि बच्चों के पास तोत्तो चान जैसी कहानी पहुंचे। बच्चे तोमोए और हेडमास्टर सोसाकू कोबायाशी के बारे में जान पाएं।

यह है कथावस्‍तु

यह कहानी द्वितीय विश्वयुद्ध के समय की है। उस समय जब अमेरिका द्वारा परमाणु बम जापान पर गिराए गए थे, तब यह तोमोए स्कूल भी नष्ट हो गया था। और ऐसा आज भी हो रहा है। दो देशों की लड़ाई में बम गिराए जा रहे हैं और तोमोए जैसे और भी स्कूलों को नष्ट किया जा रहा है। यह कहानी इतनी ज़्यादा समसामयिक लगती है तो ऐसा भी लगता है की ‘तोत्तो चान’ की कहानी को दूर-दूर तक पहुंचाना चाहिए। कला में यह भी हमारी ज़िम्मेदारी ही है। साथ ही यह क़िताब शिक्षा पर विचार-चिंतन, बच्चों की साइकलाजी को जानने, पढ़ने-पढ़ाने के ढंग को बहुत नए तरीके से जानने-समझने के लिए बहुत मददगार है। इन 23 दिनों की कार्यशाला में मेरी और मेरी पूरी टीम की यही कोशिश रही है कि हम बच्चों को नाटक सिखाने के साथ-साथ एक बेहतर विचार भी उनके अंदर जगा पाएं।

मंच पर ये बच्चे दिखाएंगे अभिनय के जौहर

अरणी मिश्र, अन्वी मिश्र, समृद्धि चौरे, अतीक्ष कुमार, अबीर पांडे, सुरभि दत्ता, श्रेयश दीक्षित, राग, रिदित जैसवाल, ग्रेसी गोवस्वामी, कबीर तरकसवार, सानवी श्रीवास्तव, रिद्धिमा श्रीवास्तव, साई राठौर, शिवांश नामदेव, मीरा त्रिवेदी, निकिता कटारिया, दीक्षा कटारिया, कृष्ण कटारिया, लक्ष्मी कटारिया, स्तुति दोशी, अद्वैता शुक्ला, धैर्या शुक्ला।

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