इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की परीक्षा से जुड़ी गोपनीयता पर सवाल खड़े होने लगे हैं। स्नातक प्रथम वर्ष की परीक्षा में पेपर लीक मामले की जांच पूरी हो गई है। समिति ने रिपोर्ट कुलपति डा. रेणु जैन को सौंप दी है। इसमें पेपर आउट होने की पुष्टि की गई। अब समिति की सिफारिश पर विश्वविद्यालय प्रशासन बीकाम प्रथम वर्ष के दो विषयों की परीक्षा दोबारा करवाएगा। साथ ही पेपर लीक मामले में विश्वविद्यालय ने पुलिस व साइबर सेल में एफआइआर दर्ज करने को लेकर आवेदन दे दिया है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत प्रथम वर्ष की दूसरी बैच की परीक्षा 10 मई से हुई। इसमें बीए, बीकाम, बीएससी प्रथम वर्ष शामिल है। पहले दिन से पेपर आउट हुए। विद्यार्थियों को परीक्षा प्रारंभ होने से घंटेभर पहले ही वाट्सएप-टेलीग्राम पर बहुप्रसारित हो गए। विश्वविद्यालय का नाम हटाकर सिर्फ प्रश्न मिले। पेपर लीक होने की जानकारी विश्वविद्यालय के अधिकारियों तक पहुंची। तत्काल तीन सदस्यीय समिति बनाई और जांच शुरू की गई।
विद्यार्थियों से वसूलते थे रुपये
सूत्रों के अनुसार, प्रश्नपत्र विश्वविद्यालय की प्रेस में प्रकाशित होते हैं। उसके बाद परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाए जाते हैं। मगर परीक्षा शुरू होने तक इन्हें नजदीक थाने में रखे जाते है। इसके कारण अब विवि की प्रेस से लेकर केंद्र के शिक्षकों की भूमिका तक संदिग्ध है। प्रश्नपत्र का लिफाफा परीक्षा शुरू होने से 20 मिनट पहले खोलना होता है, लेकिन प्रश्नपत्र एक रात पहले ही विद्यार्थियों तक पहुंच जाते थे। इसके लिए वाट्सएप और टेलीग्राम पर ग्रुप चलाने वाले विद्यार्थियों से रुपये भी वसूलते थे।
देर रात इंटरनेट मीडिया पर आ गया पेपर
जांच के दौरान समिति को एक लिंक के बारे में जानकारी लगी। 15 मई को होने वाला बिजनेस आर्गनाइजेशन एंड कम्युनिकेशन विषय का प्रश्नपत्र 14 मई की रात 11.39 बजे ही इंटरनेट मीडिया पर बहुप्रसारित हो गया। अब उक्त मोबाइल नंबर की जांच के लिए विश्वविद्यालय ने साइबर सेल को आवेदन दिया है। परीक्षा विभाग की डिप्टी रजिस्ट्रार रचना ठाकुर का कहना है कि पेपर लीक मामले में पुलिस और साइबर सेल को आवेदन दिया है। वैसे बीकाम के दो विषय की दोबारा परीक्षा करवाने को लेकर सोमवार को बैठक बुलाई है। कुलपति से चर्चा के बाद निर्णय लिया जाएगा।
नान सीईटी पाठ्यक्रम में पंजीयन का आज आखिरी दिन
इंदौर। बारहवीं और स्नातक अंतिम वर्ष के परीक्षा परिणाम में देरी का प्रभाव देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की प्रवेश प्रक्रिया पर दिखने लगा है। नान सीईटी पाठ्यक्रम में पंजीयन का अंतिम दिन शनिवार है। विभिन्न पाठ्यक्रमों की तीन हजार से अधिक सीटें हैं, मगर अभी तक सिर्फ 950 विद्यार्थियों ने आवेदन किया है। नान सीईटी प्रवेश समिति की सदस्य डा. माया इंगले ने बताया कि नान सीईटी में पंजीयन की तारीख बढ़ाने को लेकर शनिवार को विभागाध्यक्षों की बैठक रखी है। उसमें बातचीत के आधार पर निर्णय लिया जाएगा।
3336 सीटों पर मिलेगा प्रवेश
सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए नान सीईटी के माध्यम से विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को प्रवेश देने जा रहा है। 80 से अधिक पाठ्यक्रमों की 3036 सीटों को लेकर 25 अप्रैल से पंजीयन शुरू हुए हैं, जो 3 जून तक चलेंगे। सीबीएसई और एमपी बोर्ड की 12वीं कक्षा का परिणाम पंद्रह दिनों पहले आया है। बीए-बीकाम अंतिम वर्ष का परिणाम भी घोषित हो चुका है।
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