भोपाल। हमारा अपना भोपाल भोजपाल के नाम से जाना-पहचाना जाए। जब हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम रानी कमलापति रेलवे स्टेशन हो सकता है। इस्लाम नगर का नाम जगदीश पुर किया जा सकता है तो फिर भोपाल का नाम बदलकर राजा भोज के नाम से भोजपाल क्यों नहीं हो सकता? कुछ ऐसी मांगें फिर से मंचों से उठने लगी हैं। गुरुवार को गौरव दिवस के आयोजन में आए गीतकार मनोज मुंतशिर ने मंच से कहा कि भोपाल का नाम बदल कर भोजपाल कर देना चाहिए। कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कहा कि मप्र में कई नाम बदले गए हैं। भोपाल का भी नाम बदला जाए। गीतकार मनोज मुंतशिर के बाद चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम में गीतकार मुंतशिर की मांग का समर्थन किया है। मंत्री सारंग ने कहा कि मैं पहले ही यह मांग कर चुका हूं। भोपाल का नाम बदल कर भोजपाल किया जाए। कांग्रेस की सरकार ने प्रस्ताव निरस्त कर दिया था।
इधर पूर्व विधानसभा के सामयिक अध्यक्ष व हुजूर विधानसभा क्षेत्र के विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि भोपाल का नाम भोजपाल जरूर किया जाए। होशंगाबाद का नर्मदापुरम, हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम रानी कमलापति रेलवे स्टेशन, इस्लाम नगर का नाम जगदीशपुर हुआ तो भोपाल का भी नाम बदला जा सकता है। कागजों पर नाम बदलने के साथ ही जनमानस को बदला हुआ व्यवहार में लाना भी जरूरी है। बाजारों की दुकानों पर नाम लिखना शुरू करना चाहिए। जो नाम बदलने की मांग कर रहा है। वह जनमानस जुटाए। भोपाल की 25 लाख की आबादी में कम से कम एक लाख लोग समर्थन में मांग करें। वादा करें कि आज से भोपाल को भोजपाल ही कहेंगे तो नाम बदलना सार्थक हो सकेगा।
जगतगुरु रामभद्राचार्य मुख्यमंत्री से कर चुके हैं मांग
भेल दशहरा मैदान पर 23 से 31 जनवरी तक भोजपाल मेला महोत्सव समिति ने जगतगुरु रामभद्राचार्य महाराज को आमंत्रित किया था। उन्होंने रामकथा सुनाई। इस दौरान व्यासपीठ से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भोपाल का नाम भोजपाल करने की मांग की। मुख्यमंत्री की पत्नी साधना से भी नाम बदलवाने के लिए कहा था। व्यास पीठ से कहा था अब वो तभी कथा करने आएंगे, जब भोपाल का नाम बदलकर भोजपाल किया जाएगा। इसे पहले पूर्व महापौर आलोक शर्मा भी भोपाल का नाम भोजपाल करने की मांग मंचों से कर चुके हैं।
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