इंदौर। राज्यसेवा मुख्य परीक्षा-2021 में देरी होने से अभ्यर्थियों के मन में संदेह गहराने लगा है। बीते परीक्षाओं के नतीजों पर उलझन पहले से बनी हुई है। मप्र लोकसेवा आयोग (एमपी पीएससी) ने घोषणा की थी कि 30 मई से परीक्षा के लिए आनलाइन आवेदन उपलब्ध होंगे। 21 दिन आवेदन जमा करने का मौका देने के बाद जुलाई में परीक्षा करवाने का एडवांस कैलेंडर भी जारी कर दिया गया था। पूर्व की घोषणाओं के उलट मप्र लोकसेवा आयोग ने मुख्य परीक्षा के लिए अब तक आवेदन फार्म ही जारी नहीं किया है। ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या जुलाई में परीक्षा हो सकेगी?
मप्र लोकसेवा आयोग ने राज्यसेवा परीक्षा-2021 में कुल 290 पद घोषित किए हैं। 19 जून 2022 को प्रारंभिक परीक्षा आयोजित करवाई थी। 20 अक्टूबर 2022 को राज्यसेवा प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया था। आरक्षण विवाद के कारण 87 प्रतिशत की मुख्य सूची और 13-13 प्रतिशत की दो प्रावधिक सूची जारी की गई थी। मुख्य सूची में 6509 और प्रावधिक सूची में 4002 उम्मीदवार चयनित हुए हैं। इन उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा में शामिल होने के लिए आनलाइन आवेदन फार्म जमा करना है।
आयोग ने जारी की थी सार्वजनिक सूचना
9 मई को आयोग ने सार्वजनिक सूचना जारी कर घोषणा की थी कि 30 मई से 20 जून तक आवेदन फार्म दाखिल किए जा सकेंगे। इसके साथ ही एडवांस कैलेंडर घोषित करते हुए 17 जुलाई से 22 जुलाई तक मुख्य परीक्षा आयोजित करवाने की घोषणा भी की थी। अभ्यर्थियों को संदेह है कि कानूनी दांव-पेच और प्रक्रियाओं में आयोग उलझा हुआ है। ऐसे में कहीं राज्यसेवा मुख्य परीक्षा-2021 में भी देरी नहीं हो जाए। दरअसल, इससे पहले राज्यसेवा परीक्षा 2019 और राज्यसेवा 2020 में अंतिम दौर की प्रक्रिया और नतीजें कानूनी उलझनों के चक्कर में अटके हुए हैैं।
समय पर ही होगी परीक्षा
मप्र लोकसेवा आयोग के ओएसडी रवींद्र पंचभाई का कहना है कि मुख्य परीक्षा को लेकर संशय नहीं होना चाहिए, आयोग सभी प्रक्रिया समय पर ही पूर्ण करवाने के लिए तत्पर है।
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