इंदौर। शहर में मच्छरों का प्रकोप एक बार फिर बढ़ने लगा है। शाम होते ही मच्छरों की वजह से लोगों का कहीं खड़े रहना भी मुश्किल है। इसके चलते अन्य मच्छरजनित बीमारियों के बढ़े का खतरा भी बढ़ गया है। नगर निगम का दावा है कि समय-समय पर फागिंग कर मच्छर नियंत्रित किए जाते हैं लेकिन यह फागिंग मशीन कहां है और कब चलती है यह किसी को नहीं पता। सिर्फ इतना ही नहीं मलेरिया विभाग की टीमें भी मैदान में कहीं नजर नहीं आ रही हैं।
हर वर्ष इस मौसम में मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है। यह जानकारी नगर निगम के अधिकारियों को भी है बावजूद इसके कोई पूर्व तैयारी नहीं की जाती। इस वर्ष भी मच्छरों का प्रकोप बढ़ने के बाद निगम के अधिकारियों की नींद खुली है। शाम के वक्त तो प्रकोप बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। निगम के पास प्रत्येक जोन में दो-दो फागिंग मशीनें हैं। दावा किया जाता है कि ये मशीन चालू हालत में हैं और इसका नियमित इस्तेमाल भी किया जा रहा है, लेकिन नागरिकों को ये मशीनें नजर नहीं आती।
जब परेशान पार्षद ने खुद खरीद ली थी मशीन
कुछ वर्ष पहले भी शहर में मच्छरों का ऐसा ही प्रकोप देखने को मिला था। उस वक्त भी निगम की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठे थे। पार्षदों ने भी आरोप लगाए थे कि अधिकारी उनके वार्ड में फागिंग ही नहीं करते। आक्रोशित होकर एक पार्षद ने तो फागिंग मशीन ही खरीद ली थी। ये पार्षद स्वयं फागिंग करते थे। इसके बाद निगम के अधिकारियों ने कार्रवाई शुरू की थी।
नियंत्रित है मच्छरों का प्रकोप
मच्छरों के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए नियमित फागिंग की जाती है। प्रत्येक जोन में दो मशीनें हैं। इस तरह इंदौर में 38 फागिंग मशीनें हैं। वार्ड में जरूरत के हिसाब से फागिंग के दिन तय हैं। कर्मचारी लगातार मच्छर रोधी कार्रवाई करते रहते हैं।
– डा. अखिलेश उपाध्याय, मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम
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