अब हवा से बातें करेगा इंदौर का निर्यात क्षेत्र

 इंदौर से वायुयानों की उड़ानें तो लगातार बढ़ ही रही हैं, लेकिन अब सामान को हवा के रास्ते इंदौर से निर्यात करने या दूसरे शहरों से इंदौर लाने की सुविधा बढ़ने वाली है। दरअसल, एयरपोर्ट पर नया कार्गो टर्मिनल बना है, जिसकी क्षमता वर्तमान कार्गो टर्मिनल से करीब चार गुना अधिक है। अर्थात अब इंदौर से वायु मार्ग के जरिए चार गुना अधिक सामान को भेज सकने की क्षमता एयरपोर्ट के पास तैयार है। इस नए कार्गो टर्मिनल के बनने से इंदौर के निर्यात को नए पंख लग सकते हैं।

देवी अहिल्याबाई होलकर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से देश के तमाम शहरों से लेकर कुछ विदेशी शहरों तक के लिए सीधी उड़ानें संचालित की जा रही हैं। किंतु इस बीच जब मप्र की व्यावसायिक राजधानी माने जाने वाले अपने शहर से माल का आयात-निर्यात बढ़ा, तो एयर कार्गो की सुविधाएं बढ़ाने की भी जरूरत महसूस हुई। यही वजह है कि अब अपने हवाई अड्डे पर नया टर्मिनल बनकर तैयार हो गया है। शुक्रवार से इसे शुरू भी कर दिया गया। सुबह से ही विमान से जाने वाले सामान को इसी टर्मिनल से गाड़ियों में लोड किया गया तथा अन्य शहरों से इंदौर आए सामान को भी यहीं पर अनलोड किया गया। इसके तैयार होने से अब इंदौर से सामान की आवाजाही में सुगमता होगी।

वहीं जल्दी खराब होने वाली वस्तुएं भी इस नए कार्गो टर्मिनल में अधिक समय तक सुरक्षित रखी जा सकेंगी। इंदौर एयरपोर्ट पर घरेलू कार्गो टर्मिनल 17 हजार वर्गमीटर से अधिक क्षेत्र में 15 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। इसमें स्ट्रांग रूम, कोल्ड स्टोरेज, डीजीआर रूम सहित कई सुविधाएं तैयार की गई हैं। यह कितना बड़ा है, इसका अंदाजा आप इससे लगा सकते हैं कि इंदौर हवाईअड्डा के पास अब 62 हजार टन से ज्यादा सामान सालाना आयात-निर्यात की क्षमता हो गई है। कार्गो के विस्तार से इंदौर के कारोबारियों को सहूलियत मिलेगी क्योंकि इन्हें अपना सामान बाहर भेजना आसान हो जाएगा।

भविष्य की जरूरत अनुसार किया तैयार

कार्गो टर्मिनल को तेजी से बढ़ते इंदौर को भविष्य में होने वाली आवश्यकता के अनुसार तैयार किया गया है। इसमें सामान लाने और ले जाने की राह अलग-अलग रहेगी। इससे वाहनों को सामान उतारने और चढ़ाने में अधिक समय नहीं लगेगा। नया कार्गो टर्मिनल कामकाज के लिहाज से इतना सहज है कि शुक्रवार को इसके शुभारंभ के दिन ही पुराने कार्गो टर्मिनल को बंद रखा गया और नए कार्गो टर्मिनल से ही सारे सामान को विमानों में चढ़ाया या उतारा गया।

पेरिशेबल कार्गो भी तैयार

नए घरेलू कार्गो टर्मिनल के पास ही पेरिशेबल कार्गो भी तैयार किया गया है। 300 वर्गमीटर क्षेत्र में इसे बनाया गया है। इसकी सालाना क्षमता 5,475 मेट्रिक टन है। इससे जल्दी खराब होने वाली सामग्री जैसे फल, सब्जी, दूध, मांस या खाने-पीने की अन्य सामग्री को अधिक समय तक एयरपोर्ट पर सुरक्षित रखा जा सकेगा। पेरिशेबल कार्गो भी बनकर तैयार हो चुका है, लेकिन अभी इससे सामान की आवाजाही शुरू नहीं की गई है। अंदरुनी काम पूरे हो चुके हैं, लेकिन बाहरी कार्य किए जा रहे हैं।

किसानों, व्यापारियों को लाभ

पेरिशेबल कार्गो शुरू होने से मालवा और निमाड़ के किसानों और व्यापारियों को फायदा होगा। किसान अपनी उपज देश के अन्य शहरों तक सुविधा के अनुसार कम समय में आसानी से पहुंचा सकेंगे। मालवा में पैदा होने वाले फूल और सब्जियां भी अब अन्य शहरों तक कम समय में पहुंच सकेंगी। इससे व्यापार और कृषि क्षेत्र को काफी फायदा होगा। मालवा-निमाड़ की जिन वस्तुओं की मांग अंतरराष्ट्रीय बाजार में है, उन्हें भी अब जल्दी खराब होने के डर से छुटकारा मिलेगा।

दो हिस्सों में तैयार

हुआ पुराने टर्मिनल के पास की जमीन पर ही नया कार्गो टर्मिनल तैयार किया गया है। इसे दो हिस्सों में तैयार किया है। एक हिस्से में पेरिशेबल कार्गो टर्मिनल है और दूसरे हिस्से में अन्य सामान के लिए कार्गो टर्मिनल है।

नए कार्गो टर्मिनल की बिल्डिंग तैयार हो चुकी है। शुक्रवार से इसका ट्रायल शुरू किया गया है, ताकि सामान लाने और ले जाने में होने वाली छोटी-मोटी परेशानियों को भी समझ कर उन्हें दूर किया जा सके। जल्द ही इसका विधिवत शुभारंभ भी किया जाएगा। – शंकर लालवानी, सांसद

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