भोपाल। नवंबर में होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा के चुनाव के दृष्टिगत कांग्रेस भाजपा के असंतुष्टों को साधने और उन्हें अपने पाले में लाने के प्रयास में जुट गई है। इसके लिए जिलावार रणनीति तैयार कर काम शुरू किया गया है।
देवास जिले में भाजपा सरकार के पूर्व मंत्री रहे दीपक जोशी हों, अशोकनगर के यादवेंद्र सिंह यादव या फिर हरदा के दीपक जाट, सभी इसी कार्ययोजना के तहत साधे गए हैं।
यही नहीं, बालाघाट जिले में अपनी ताकत बढ़ाने के लिए पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अनुभा मुंजारे को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता दिलाई गई है। इसी तरह पार्टी अब इंदौर, धार, ग्वालियर, जबलपुर और पन्ना जिलों में काम कर रही है। इन जिलों में भाजपा से जुड़े प्रभावशाली नेता जल्द ही कांग्रेस के मंच पर नजर आ सकते हैं।
कांग्रेस जिन लोगों को पार्टी में शामिल करा रही है, उनके बारे में जिला संगठन से सहमति के बाद ही निर्णय लिया जा रहा है। स्थानीय समीकरण को साधने पर सर्वाधिक जोर है। दरअसल, पार्टी ऐसा कोई भी अवसर छोड़ना नही चाहती है जो चुनाव में उसकी संभावना को मजबूती प्रदान करता हो।
यही कारण है कि बालाघाट की राजनीति में खासा दखल रहने वाले मुंजारे परिवार को साधा गया है। अनुभा मुंजारे ने बालाघाट विधानसभा क्षेत्र में 2013 और 2018 को चुनाव समाजवादी पार्टी के टिकट पर लड़ा था। यहां दोनों बार कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही है। उनके पति कंकर मुंजारे सांसद और तीन बार विधायक रह चुके हैं। इसे देखते हुए प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ ने बिना देर किए, उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई।
संभावना है कि उन्हें विधानसभा चुनाव भी लड़ाया जाए। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के पुत्र पूर्व मंत्री दीपक जोशी को पार्टी में लाकर देवास जिले के समीकरण को साधा गया है। इसी तरह अशोक नगर जिले से तीन बार विधायक रहे राव देशराज सिंह यादव के पुत्र यादवेंद्र सिंह यादव को पार्टी में शामिल किया गया है।
उनकी मां जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं तो भाई अजय सिंह यादव मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम के उपाध्यक्ष हैं। उन्हें सरकार ने राज्यमंत्री का दर्जा दिया है। इसी तरह हरदा में कृषि मंत्री कमल पटेल की टीम में शामिल दीपक जाट और सागर जिले के नरयावली विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक प्रदीप लारिया के भाई हेमंत लारिया भी कांग्रेस में आ गए हैं।
कांग्रेस के प्रदेश पदाधिकारियों का कहना है कि कांग्रेस अब इंदौर, धार, ग्वालियर, जबलपुर और पन्ना जिलों में काम कर रही है। इन जिलों में भाजपा से जुड़े प्रभावशाली नेता जल्द ही कांग्रेस के मंच पर नजर आ सकते हैं। इनमें भाजपा के दो पूर्व मंत्री और दो पूर्व विधायक भी शामिल हैं। इनसे पार्टी के वरिष्ठ नेता सीधे संपर्क में हैं। सूत्रों का कहना है कि पन्ना में भाजपा नेता अपनी उपेक्षा से नाराज हैं तो ग्वालियर जिले में ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में आने के बाद से समीकरण बदल गए हैं। इसका लाभ कांग्रेस को मिलता नजर आ रहा है। यही स्थिति इंदौर और धार में भी बन रही है।
हमारे संपर्क में कई वरिष्ठ नेता : जयप्रकाश
प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी जयप्रकाश अग्रवाल का कहना है कि राज्य की सियासत में वजन रखने कई भाजपा के कई वरिष्ठ नेता हमारे संपर्क में हैं। भाजपा में उन्हें न तो सम्मान मिल रहा है और न ही कोई काम। प्रत्येक जिले की अलग स्थितियां हैं। स्थानीय परिस्थिति, कार्यकर्ताओं की भावना, राजनीतिक और सामाजिक समीकरण को ध्यान में रखते हुए निर्णय ले रहे हैं।
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