ऊर्जा बचाने के लिए उद्योगपति अपने प्रतिष्ठानों का करवाएंगे एनर्जी आडिट

इंदौर (Indore) अब सौर ऊर्जा (Solar Energy) के मामले में न केवल स्मार्ट होता जा रहा है बल्कि जिम्मेदार भी बनता जा रहा है। अब तक तो शहर के प्रतिष्ठानों, आम नागरिकों में इस बात का चाव तेज है कि अपने घर या संस्थान की छत पर सौर ऊर्जा की प्लेट लगवाई जाएं और बिजली बनाई जाए, किंतु अब इससे आगे बढ़कर शहर के उद्योग अपना एनर्जी आडिट (Energy Audit) भी करवाने वाले हैं। दरअसल, ऊर्जा बचत के लिए मिशन लाइफ प्रोजेक्ट (Mission Life Project) के तहत इंदौर के उद्योग अपने द्वारा खपत की जा रही ऊर्जा का आडिट करवाएंगे। इस मिशन के तहत उद्योग निजी एजेंसियों से सलाह लेकर ऊर्जा बचत के लिए अपनी फैक्ट्रियों में तकनीकी बदलाव भी करेंगे।

ऊर्जा आडिट आज के समय की आवश्यकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि एक तो ऊर्जा दिनोंदिन महंगी होती जा रही है, वहीं ऊर्जा की खपत भी बढ़ती जा रही है। ऐसे में ऊर्जा का आडिट करके यह पता करना समझदारी है कि कहीं हमारे घर, उद्योग या संस्थान में गैरजरूरी बिजली की खपत तो नहीं हो रही? अब इंदौर के उद्योग इसी ऊर्जा आडिट की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। इसके तहत उद्योग यह तक बदलाव करेंगे कि जहां ज्यादा बिजली खपत वाली मोटरें लगी हैं, उन्हें हटाकर कम ऊर्जा खपत वाली मोटरें लगाई जाएंगी।

इसके अलावा फैक्ट्री के कर्मचारियों को सिखाया जाएगा कि वे अपने कक्ष या सेक्शन से बाहर आने पर लाइट व पंखे बंद करें। इस तरह उद्योगों के कर्मचारियों को प्रशिक्षण देकर ऊर्जा खपत कम करने के विभिन्न तरीके सिखाए जाएंगे। इसके लिए फैक्ट्रियों में ऊर्जा बचत पर कर्मचारियों के समूह के बीच में सेमिनार भी आयोजित किया जाएगा।

इसके अलावा उद्योगों में उपयोग होनी वाली मशीनरी में इस तरह की तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जिससे कम से कम विद्युत खपत हो। इसके लिए वीएफडी ड्राइव चलाई जाएगी। इस ड्राइव का अर्थ है कि यदि कहीं पर 20 हार्सपावर की मोटर का उपयोग हो रहा होगा और यदि उस कार्य को 10 हार्सपावर की मोटर ही कर सकती होगी, तो 20 हार्सपावर की मोटर हटाकर 10 हार्सपावर क्षमता वाली का उपयोग किया जाएगा।

अभी 50 उद्योगों में लगी हैं सौर ऊर्जा इकाइयां

एसोसिएशन आफ इंडस्ट्री के अध्यक्ष योगेश मेहतना के मुताबिक सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र में फिलहाल 50 उद्योगों में सौर ऊर्जा इकाइयां लगी है। यह इंदौर में स्थापित हजारों इंडस्ट्रीज के मुकाबले बहुत कम हैं। ऐसे में अब उद्योगों को प्रेरित किया जाएगा कि वे अपने प्रतिष्ठानों के ऊपर सोलर पैनल लगाकर सौर ऊर्जा से बिजली तैयार करें। इस तरह उद्योगों में सौर ऊर्जा संयत्र लगाकर बिजली उत्पादन को बढ़ाने का प्रयास भी किया जाएगा। हमार प्रयास है कि ऊर्जा बचत के प्रयास से उद्योग अपनी कुल विद्युत खपत की कम से कम 15 प्रतिशत बिजली की बचत कर सकें।

उपचारित पानी के उपयोग पर देंगे जोर

ऊर्जा केवल बिजली से संबंधित ही नहीं होती बल्कि इसके अलावा औद्योगिक इकाइयों में लगे सीवरेज के उपचारित संयंत्र से निकलने वाले उपचारित पानी का उपयोग औद्योगिक इकाइयों के टायलेट व बायलर में उपयोग करने पर भी जोर दिया जाएगा। इस तरह उद्योगों में इन कार्यों के लिए शुद्ध पानी की खपत नहीं होगी।

कर्मचारियों को दे रहे एलइजी बल्ब व कपड़े के झोले

पर्यावरण संरक्षण के लिए मिशन लाइफ के तहत कई उद्योग कर्मचारियों अपने कर्मचाारियों को एलइडी बल्ब वितरित कर रहे हैं ताकि कर्मचारी अपने घरों में ऊर्जा बचत के लिए इस बल्ब का उपयोग करें। कई उद्योगों ने अपने परिसर में कपड़े के झोलों का कार्नर भी तैयार किया है। कर्मचारियों को वहां से कपड़े के झोले उपलब्ध करवाए जा रहे हैं ताकि वे पालीबैग के बजाय इन झोलों का उपयोग करें। इसके अलावा उद्योग कर्मचारियों को अलग-अलग वाहन से फैक्ट्री आने के बजाय कार पूलिंग करने व दो पहिया पर एक के बजाय दो कर्मचारियों के आने पर भी जोर दे रहे हैं। इससे कर्मचारियों के ईंधन की बचत होगी और ईंधन पर होने वाला खर्च भी कम होगा।

जन जागरूकता बढ़ाने का प्रयास

मिशन लाइफ के तहत हम प्रयास कर रहे हैं कि शहर के उद्योग, प्रतिष्ठानों व रहवासी क्षेत्रों में ऊर्जा बचत एक अभियान का आकार ले ले। इसके लिए हम उद्योगों को अपने परिसर में ऊर्जा बचत के लिए कम ऊर्जा खपत वाले विद्युत उपकरण लगाने को कह रहे हैं। उद्योगों को अपनी मशीनों का समय-समय पर संधारण करने के लिए भी कहा जा रहा है। यह निर्देशित भी किया जा रहा है कि जिस स्थान पर आवश्यक हो, वहीं पर उपकरण चालू रखे जाएं, अन्यथा बंद कर दें। हम ग्रामीण क्षेत्रों में भी जन जागरूकता के कार्यक्रम कर रहे हैं। सरकारी कार्यालयों, बाजारों में भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। अब तक मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बीते 10 दिन में ही 250 से अधिक जागरूकता कार्यक्रम कर दिए हैं। अगले कुछ दिनों में ऐसी और गतिविधियां की जाएंगी।

– एसएन द्विवेदी, क्षेत्रीय अधिकारी, मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.