भोपाल। जिला प्रशासन अब स्थानीय सांसद-विधायक को नजरअंदाज नहीं कर सकेगा। उन्हें न केवल उनकी बात सुननी होगी, बल्कि समाधान भी करना होगा। इसके लिए प्रदेश स्तर से सभी जिलों को एक लाइन का निर्देश दिया जाएगा।
इस पर बुधवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित कार्यालय में देर रात वरिष्ठ नेताओं के साथ हुई मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की बैठक में सहमति बनी। उल्लेखनीय है कि सागर जिले में प्रशासनिक स्तर पर सुनवाई न होने को लेकर मंगलवार को स्थानीय मंत्रियों, विधायक और जिला अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और संगठन महामंत्री से मुलाकात की थी।
सूत्रों के अनुसार केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय बैठक में शामिल हुए। इस दौरान स्थानीय स्तर पर प्रशासन द्वारा कुछ व्यक्तियों की ही सुनवाई करने, सांसद-विधायक और वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज करने की शिकायतों का समाधान निकालने पर चर्चा की गई। तय किया गया कि जिला प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए जाएंगे कि वे किसी को नजरअंदाज न करें। पूरा मान-सम्मान दें और समस्या का समाधान भी करें। एक पक्षीय व्यवस्था नहीं चलेगी।
बैठक में इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नौ साल पूरे होने पर 30 मई से प्रारंभ होने वाले महासंपर्क अभियान और आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर भी चर्चा की गई। बैठक में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और संगठन महामंत्री हितानंद उपस्थित थे।
चार्टर्ड प्लेन से एक साथ आए
बैठक में भाग लेने के लिए केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल और कैलाश विजयवर्गीय चार्टर्ड प्लेन से भोपाल आए। इसके बाद तोमर ने राज्यपाल मंगुभाई पटेल से लगभग आधा घंटे मुलाकात की और फिर वे दिल्ली लौट गए।
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