जबलपुर। पहले बेटी को पिता के नाम से पहचाना जाता था,अब पिता की पहचान बेटी से नाम से होगी। अब तो उस दिन का इंताजर है,जब लोग कहेंगे कि ये देखो आइएएस स्वाति के पापा हैं। हम अपनी बेटी पर जितना गर्व करें,उतना कम है। बेटी स्वाति का यूपीएससी का परिणााम देखकर पिता की आंखें खुशी से भर गईं। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने मंगलवार को सिविल सेवा 2022 परीक्षा के परिणाम जारी किए। प्रारंभिक परीक्षा 5 जून 2022 को आयोजित की गई थी और परीक्षा के परिणाम 22 जून को जारी किए गए थे। वहीं, मुख्य परीक्षा 16 से 25 सितंबर तक आयोजित की गई थी। मुख्य परीक्षा के परिणाम 6 दिसंबर को घोषित किए गए थे। यूपीएससी सिविल सर्विसेज परीक्षा के फाइनल रिजल्ट में कुल 933 उम्मीदवार नियुक्ति के लिए चयनित किए गए हैं। यूपीएससी रिजल्ट में शहर की स्वाति शर्मा ने 15 वीं रैंक, जतिन जैन ने 91 वीं रैंक और सृष्टि जैन ने 165 वीं रैंक हासिल की है।
स्वाति ने तीसरी बार में हासिल की सफलता
धनवंतरी नगर निवासी स्वाति शर्मा बचपन से ही मेधावी छात्रा रही हैं। शैक्षणिक, सामाजिक सांस्कृतिक और खेलकूद की प्रत्येक गतिविधियों में भाग लेती रहीं। स्वाति ने बताया कि शुरू से ही लक्ष्य था कि आल इंडिया सर्विस में पद प्राप्त करूं। रायल सीनियर सेकेंडरी स्कूल संजीवनी नगर से 12वीं तक की पढ़ाई करने के बाद हितकारिणी कालेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। उसके बाद आइएएस को ही प्राथमिकता देते हुए दिल्ली में यूपीएससी परीक्षा की तैयारियाें में जुट गई। पहले भी दो बार अटेम्ट कर चुकी हूं। लेकिन असफलता मिली। लेकिन तीसरी बार फिर से परीक्षा की तैयारी की। पहली बार में प्रीलियम्स, दूसरी बार साक्षात्कार चूकने के बाद भी हिम्मत नहीं हारी और पुनः तैयारियों में जुट गई। इसी का परिणाम रहा कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) सिविल सर्विस एग्जाम 2022 के घोषित परिणाम में को आल इंडिया लेवल पर 15 वीं रैंक प्राप्त हुई। स्वाति ने बताया कि हमारा होमटाउन मैहर में है। पिता धनेन्द्र शर्मा का ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय है। मां ममता शर्मा गृहणी हैं। छोटा भाई सौम्य बीबीए द्वितीय वर्ष में है। मैं अपनी सफलता का श्रेय मां-पापा को देती हूं। मां-पापा ने मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है।
जतिन जैन बोले- दो वर्षों से प्रशासनिक सेवाओं की कर रहे थे तैयारी
गंजीपुरा निवासी जतिन जैन ने कहा कि विगत दो वर्षों से प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी कर रहे थे। अभी मेरा चयन आइपीएस के लिए हुआ है,लेकिन मुझे आइएएस बनना है। इसलिए 28 मई को आयोजित यूपीएससी की परीक्षा फिर से देनी है। ताकि आइपीएस से आइएएस में कन्वर्ट हो सकूं। मैंने पहले से ही प्रशासनिक सेवाओं में जाने की ठानी थी। क्राइश्चचर्च बायज सकूल से बारहवीं तक की पढ़ाई करने के बाद देवी अहिल्या विश्विविद्यालय इंदौर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। फिर दिल्ली जाकर यूपीएससी के लिए कोचिंग ली। इसके पहले भी एक बार परीक्षा दे चुका हूं, लेकिन प्रीलियम्स भी क्लियर नहीं हुआ था। लेकिन हार नहीं मानी, फिर से परीक्षा दी,और सफलता पाई। मेरे पापा का नाम समीर जैन हैं। पापा व्यवसायी और मां शुभा जैन गृहणी हैं। जतिन ने कहा कि मेरी सफलता के पीछे परिवार का हाथ है। उन्हीं के सहयोग से मुझे नई पहचान मिली है।
प्रशासनिक सेवा में जाने के लिए छोड़ा एयरफोर्स
आनंद कालोनी निवासी सृष्टि जैन ने बताया कि बचपन से आइएएस बनने का जुनून था। इसलिए उसकी तैयारी में जुटी थी। हर दिन पढ़ाई के लिए 6 से 7 घंटे देती थी। आज का रिजल्ट देखकर खुशी हो रही है। स्कूल की पढ़ाई जेवियर्स और क्राइश्चचर्च गर्ल्स स्कूल से की। इसके बाद देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। उसके बाद 2021 में दिल्ली जाकर प्रशासनिक सेवा की तैयारी शुरू की। उसी बीच नेशनल लेवल का एसएसबी का इंटरव्यू भी दिया, जिसमें एयरफोर्स के लिए रिकमंड किया गया। लेकिन बचपन से प्रशसनिक सेवाओं में जज्बा था, इसलिए उसे छोड़ दिया। 2021 में भी मैने यूपीएससी (सीएसई) परीक्षा दी थी,लेकिन प्रीलियम्स ही नहीं निकला पाई थी। लेकिन मैने सोचा कि एक बार और ट्राई करना चाहिए। इसलिए मैंने दूसरी बार प्रयत्न किया,और सफलता मेरे सामने है। मैने आल इंडिया लेवल पर 165 वीं हासिल की है। 28 मई को फिर से यूपीएससी की परीक्षा होने वाली है,जिसमें फिर से परीक्षा देना है। 165 वीं रैंक आने पर आइपीएस के लिए योग्यता मिली है। 90 रैंक से नीचे वाले आइएएस के लिए पात्र होते हैं। मेरे पापा सुजीत जैन व्यवसायी व मां सीमा जैन गृहणी हैं। छोटी बहन दृष्टि जैन मुंबई से जर्नलिज्म कर रही हैं। मेरी सफलता में परिवार के साथ दोस्तों का भी बहुत सहयोग रहा
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