बैंगलोर : कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने ‘नफरत के बाजार’ को बंद करने की कवायद शुरू कर दी है (Karnatak sarkar ka faisla) । 13 मई को स्पष्ट बहुमत से जीत हासिल करने के बाद कर्नाटक में 20 मई को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में ही राहुल गांधी ने पांच वादों को पूरा करने की बात की। राहुल के कहे अनुसार शपथ ग्रहण वाले दिन ही कांग्रेस ने पांच बड़े चुनावी वादों को पूरा कर दिया। अब कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार अपने दूसरे बड़े चुनावी वादे को पूरा करने में जुटी है।
कांग्रेस ने घोषणापत्र में बजरंग दल, पीएफआई जैसे विद्वेष फैलान वाले संगठनों को बैन करने का आश्वासन दिया था। इसे भाजपा ने बजरंग बली का अपमान बता खूब सारी बातें की। लेकिन नतीजा कांग्रेस के पक्ष में रहा। अब सत्ता संभालने के बाद कांग्रेस ने कर्नाटक में नफरत के बाजार को बंद करने की कवायद शुरू कर दी है।
मंगलवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने विधानसभा में राज्य पुलिस के वरीय अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में राज्य की विधि-व्यवस्था पर चर्चा हुई। साथ ही सीएम ने नफरत की बाजार को बढ़ावा देने वालों पर सख्त एक्शन का निर्देश दिया। (Karnatak sarkar ka faisla) सीएम ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट के खिलाफ ‘कठोर कार्रवाई’ शुरू करने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं।
शीर्ष पुलिस अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए सीएम ने कहा कि उन्हें समाज में शांति और सह-अस्तित्व बनाए रखने के लिए अधिक सावधान रहना चाहिए। सीएम सिद्दारमैया ने दोहराया कि समाज में शांति को भंग करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए। पुलिस को ड्रग्स के खतरे को भी रोकना चाहिए।
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