सनातन धर्म में पूजा के दौरान धूनी जलाने की परंपरा है। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से घर की शुद्धि होती है और मन को शांति व प्रसन्नता मिलती है। इसके अलावा धूनी देने से मानसिक तनाव भी दूर होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अलग-अलग चीजों की धूनी देने से अपना अलग महत्व होता है और इसके अलग लाभ भी होते हैं। नीम की पत्तियों से धूनी देना जहां सेहत का लाभ पहुंचाता है, वहीं दूसरी ओर कर्पूर, लौंग, गुग्गल, पीली सरसों व धूपबत्ती से भी धूनी दे सकते हैं, जानें इससे धूनी देने के क्या फायदे हैं –
नीम के पत्ते
घर में नीम की पत्तियों से धूनी देने से सभी हानिकारक बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं। सप्ताह में एक या दो बार घर में नीम की पत्तियों की धूनी जरूर जलाना चाहिए। ऐसा करने से घर की नेगेटिव एनर्जी दूर होती है।
लोबान की धूनी
लोबान का हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया गया है। धार्मिक मान्यता है कि लोबान की धूनी देने से पारलौकिक शक्तियां आकर्षित होती है। लोबान से धूनी देने के लिए उसे सुलगते हुए कंडे या अंगारे पर रख कर जलाया जाता है।
दशांग धूप
चंदन, कुष्ठ, नखल, राल, गुड़, शर्करा, नखगंध, जटामांसी, लघु और क्षौद्र सभी को समान मात्रा में मिलाकर जलाने से उत्तम धूप बनती है। इसे दशांग धूप कहते हैं। इससे धूनी देने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है। देवता भी खुश होते हैं।
कर्पूर और लौंग
कर्पूर और लौंग की धूनी रोजाना सुबह और शाम घर में देना चाहिए। आरती या प्रार्थना के बाद कर्पूर जलाकर आरती करना भी शुभ माना जाता है। ऐसा करने से घर का वास्तु दोष खत्म होते हैं। आर्थिक उन्नति होती है।
गुग्गल की धूनी
लोबान के अलावा गुग्गल की धूनी लगाने से भी घर में किसी भी विवाद की स्थिति दूर होती है। पुराने विवाद खत्म होते हैं। गुग्गुल सुगंधित होने के साथ ही दिमाग के रोगों के लिए भी लाभदायक है। मानसिक तनाव को दूर करने में मदद करता है।
पीली सरसों से धूनी
पीली सरसों, गुग्गल, लोबान, गौघृत को मिलाकर सूर्यास्त के समय जलते हुए गाय के गोबर के कंडे जलाकर उस पर ये सारी सामग्री डाल दें। नकारात्मकता दूर हो जाएगी। परिवार में शांति रहती है।
डिसक्लेमर
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