हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण मास के सभी सोमवार के दिन उपवास के लिए शुभ माने जाते हैं। इन्हें श्रावण सोमवार या सावन सोमवार व्रत के नाम से जाना जाता है। कई लोग सावन के दौरान सोलह सोमवार या सोलह सोमवार व्रत भी रखते हैं। सावन मास इस साल अधिक मास के कारण दो माह का होगा। इसलिए इस साल सावन चार जुलाई से शुरू हो रहे हैं, जो 31 अगस्त को समाप्त होंगे। सावन मास के दौरान भगवान शिव को जल के साथ-साथ बेलपत्र, धतूरा, शमी की पत्ती आदि चढ़ाना शुभ माना जाता है। इसके साथ ही इस महीने में ही कांवड़ यात्रा आरंभ हो जाती है। इसके साथ ही कुंवारी कन्याएं मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए सोलह सोमवार का व्रत आरंभ करती हैं।
पंडित विष्णु राजौरिया ने बताया कि सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई, सावन का दूसरा सोमवार 17 जुलाई, सावन का तीसरा सोमवार 24 जुलाई, सावन का चौथा सोमवार 31 जुलाई, सावन का पांचवा सोमवार सात अगस्त, सावन का छठा सोमवार 14 अगस्त, सावन का सातवां सोमवार 21 अगस्त, सावन का आठवां सोमवार 28 अगस्त को होगा। दो महीने तक सावन महीने में शिवजी का विशेष श्रृंगार किया जाएगा। शहर के सोमवारा कायस्थपुरा श्री बड़वाले महादेव मंदिर, छोला मुक्तेश्वर महादेव मंदिर में हर सावन सोमवार को एक क्विंटल फूलों से श्रंगार किया जाएगा। गुलाब, सेवंती, कनेर, गेंदा सहित अन्य प्रजातियों के फूलों से अलग-अलग शहरों से मंगवाया जाएगा।
एक महीने शुरू हो जाती हैं शिव मंदिरों में तैयारियां
सोवन सोमवार के चलते एक महीने पहले शहर के शिव मंदिरों में तैयारियां शुरू हो जाती हैं। एक जून से सावन सोमवार पर्व मनाने के लिए शहर के श्री बड़वाले महादेव मंदिर, छोला मुक्तेश्वर महादेव मंदिर, शाहपुरा शिव मंदिर, महां पहाड़ा वाली मंदिर सहित सभी शिव मंदिरों में हर-हर महादेव के जयकारे गूंजेंगे। लोग व्रत रखकर शिवजी की आराधना करेंगे
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