जहां चाय-शाय मिल जाए वहीं बात बन जाए

जबलपुर। कोई कुल्हड़ में चाय पीना पसंद करता है,तो किसी को टपरी की कट चाय भाती है। चाय के दीवानों की भरमार आज भी शहर में है। ज्यादातर लोगों के दिन की शुरुआत गरमा-गरम चाय से होती हैं, ऐसे लोगों को अगर दिन की शुरुआत में अच्छी चाय नहीं मिले तो उनका पूरा दिन बेकार जाता हैं। लोगों का मानना हैं,कि साथ में बैठकर चाय पीने से चाहत बढ़ती हैं। कुछ खास मौकों पर तो चाय पीने का एक अलग ही मजा हैं। जैसे बारिश का मौसम हो और साथ में पकौड़े खाने को मिल जाए तो बात ही कुछ और हैं। साथ ही वही चाय जब अपने खास प्रिय द्वारा बनाई हो तब तो उसका मजा दोगुना हो जाता हैं। शहर में पुरानी चाय टपरी, चाय सुट्टा बार,चाय-शाय, चाय स्केवेयर, चाय मंत्रालय और अमृत तुल्य में चाय पीना भी सभी को भाता है। विश्व चाय दिवस पर शहर के चाय के दीवानो के खास अड्डों को जाना। जिसमे विभिन्न फ्लेवर के साथ चुस्कियों को लेते जबलपुरियंस को देखा गया। युवाओं ने एक सुर में कहा जहां चाय-शाय मिल जाए वहीं बात जाएं।

दोस्तों के साथ मिलकर चाय पीने का अलग ही मजा

शहर के युवाओं को चाय चाय सुट्टा बार की कुल्हड़ वाली चाय भाती है। चाय सुट्टा बार मे चाय के अलग-अलग फ्लेवर मौजूद है। चाय सुट्टा बार की चाकलेट चाय के साथ पान और गुलाब फ्लेवर की चाय काफी मशहूर है। युवाओं को दो चाय ही काफी पसंद आती है। खास बात यह है कि यहां पर चाय की चुस्की लेना बहुत ज्यादा महंगा भी नहीं है। अदरक और इलायची चाय यहां 20 रुपये में ही मिल जाएगी तो अलग-अलग फ्लेवर की चाय की कीमत भी 25 रुपये से शुरू होकर 35 रुपये तक है। यही वजह है कि शाम को यहां पर कदम रखने लायक भी जगह नहीं होती है। इतनी भीड़ हो जाती है कि लोगों को बाहर बैठकर चाय पीनी पड़ती है।

 

स्लोगन आकर्षित करने वाले

चाय की चुस्की लेने आई श्रेया खंडेलवाल ने बताया कि चाय स्केवेयर में चाय के लिए लिखे आकर्षण का केंद्र बने है। जैसे प्यार नहीं,चाय चाहिए,वो चाय ही क्या जिमें उबाल ना हो, वो प्यार ही क्या जिसमें बवाल ना हो, एक थी चाय और एक था बिस्किट मत पूछे आगे क्या हुआ डूब गया बेचारा चाय के प्यार में। मुझे जब भी चाय पीने का मन होता है, दोस्तों के साथ यहां चाय पीने चली आती हूं। यहां पर चाय के आठ से दस फ्लेवर है। सबसे महंगी चाय 50 रुपये की है।

चाय-शाय में बटर स्काच भी

अब चाय भी आधुनिक रुप में आई गई है। एक समय था, जब दूध वाली चाय,काली चाय,लेमन टी आदि को लोग जानते थे। अब चाय में भी यूनिक फ्लेवर आ गए है। चाय-शाय में मैंगो, आरेंज, एप्पल, वाटरमेलन, लीची, कोकोनेट, केसर और बटर स्कॉच फ्लेवर है। जो कि युवाओं की पसंद बने हुए है। इन चायों की कीमत भी 15 से 25 रुपए तक है।

 

चाय मंत्रालय की अलग ही झलक

चाय मंत्रालय की अलग ही झलक देखने को मिलती है। यहां पर लोगो चाय तो भाती ही है,साथ ही दुकान मे रखा छोटा सा ग्रामोफोन और पुराने इलेक्ट्रिक बोर्ड पर से नजरें नहीं हटती है। चाय मंत्रालय में भी चाय के गुड़ की बनी चाय और थ्रीलेयर कप सभी को भाते है। थ्रीलेयर कप बाहर से मंगवाएं जाते है। जिसमें चाय पीने से मुंह नहीं जलता है।

करंट मुद्दो पर होती है चर्चा

गोलबाजार स्थित चाय की टपरी पर दो हजार के नोट बंद होने की चर्चा हो रही थी। चाय की टपरी में कट चाय का स्वाद लेने के साथ ही करंट टापिक पर चर्चा भी होती है। शहर में चाय की कई पुरानी टपरियां मौजूद है,जहां पर देश की आजादी के संबंध में भी चर्चा होती थी। इन टपरियों पर बच्चे,बूढ़े और जवानों की भीड़ हमेशा दिखाई देगी।

विश्व चाय दिवस पर स्टोरी

दुनिया भर में 21 मई 2022 को अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस मनाया गया। संयुक्त राष्ट्र द्वारा इसे दुनिया के सबसे पुराने पेय पदार्थों में से एक के रूप में भी मान्यता प्राप्त है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में चाय की खपत को बढ़ाना और इसके संभावित स्वास्थ्य लाभ से लोगों को परिचित कराना है।

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