राष्ट्र चंडिका, सिवनी। सैया भय कोतवाल अब डर काहेका यह मुहावरा इन दिनों नगर कोतवाली में पदस्थ सुरेश सोनी बंटा नामक पुलिसकर्मी के लिए कहा जा रहा है जनप्रतिनिधि समाचार पत्रों को समाज का दर्पण कहते है लेकिन विभाग समाचार पत्रों को यूज एण्ड थ्रो बता रहा है अब जनप्रतिनिधि गलत कह रहे है या विभाग इस पर जनता को चिंतन करना है?
पुलिस की छवि कोरोना काल में जो थी इन दिनों ठीक विपरीत नजर आ रही है जब विभाग के अधिनस्थ अधिकारी का भय समाप्त हो जाये तो फिर तानाशाह शासन हो जाता है सुरेश सोनी उर्फ बंटा आरक्षक यहां तक कहता है कि मेरे खिलाफ अखबारों में छपने से कुछ नही होता क्योंकि मेरे ऊपर के अधिकारी मेरे इशारे पर काम करते है तथा विभाग के कप्तान को भी मैने वैसे ही साध लिया है जैसे सपेरा बीन बचाकर सांप को अपने वश में कर लेता है।
बंटा की करतूतों ने तो मानों विभाग के अन्य अधिकारियों की वाट लगा दी है सूत्र बताते है कि चाहे जुआ सट्टा मादक पदार्थ तथा ट्रक को पास कराने आदि में भी इनकी मुख्य भूमिका रहती है सारे गलत काम करने वाले यहां तक कहते है कि थाने में जब तक बंटा है हमारा कोई कुछ नही बिगाड़ सकता। इतना सब होने के बाद भी चुप्पी साधना तथा राजनेताओं का मौन रहना समझ से परे है।