गूगल-कंतार रिपोर्ट: डिजिटल पाठकों की तुलना में स्थानीय भाषा की खबरें पढ़ने वाले यूजर्स का दायरा बढ़ा

वर्तमान में भारतीय भाषाओं की लोकप्रियता विश्‍व में बढ़ी है। इसके चलते ही अब गूगल ने कई भारतीय भाषाओं को सपोर्ट देना शुरू कर दिया है। गूगल कंतार की ताजा रिपोर्ट इस बात को और पुख्‍ता करती है। इस रिपोर्ट के अनुसार जो डिजिटल यूजर्स स्‍थानीय भाषा में खबरें पढ़ते हैं वो अन्‍य पाठकों की तुलना में अधिक महत्‍व रखते हैं। यहां इस तथ्‍य का उल्‍लेख करना प्रासंगिक होगा कि पूरी दुनिया में इंटरनेट के जितने भी सक्रिय यूजर्स हैं उनकी संख्‍या 75 करोड़ से अधिक है और इनमें भी भारतीय भाषाओं के यूजर्स सबसे अधिक हैं।

चूंकि स्‍थानीय भाषाओं का दायरा तेजी से बढ़ा है इसलिए अब ऑनलाइन इकोसिस्‍टम भी अब इसे लेकर संजीदा हो गया है। गूगल-कंतार रिपोर्ट के अनुसार भारतीय भाषाओं के पाठक अब मनपसंद सामग्री के लिए औसतन 5 से अधिक प्लेटफॉर्म्स का यूज करते हैं। इनमें ऑनलाइन न्‍यूज पढ़ने वालों की संख्‍या सबसे ज्‍यादा है जो कि न्‍यूज के लिए यूट्यूब का इस्‍तेमाल करते हैं। इसके बाद वे सोशल मीडिया पर आते हैं।

तीसरे क्रम में चैटिंग ऐप्‍स शामिल हैं जहां पर भी यूजर्स खबरें पढ़ते और शेयर करते हैं। न्यूज और मीडिया इंडस्ट्री ने भी ऑनलाइन इकोसिस्टम में आय यह बड़ा बदलाव महसूस किया है। यही कारण है कि बीते कुछ वर्षों में स्थानीय भाषा के डिजिटल समाचार प्रकाशकों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। इसे देखते हुए अब गूगल ने एक स्‍टडी के माध्यम से स्थानीय भाषाओं के पाठक के व्यवहार और प्राथमिकताओं को समझने के लिए एक रीसर्च भी की है।

45 फीसदी यूजर्स देखते हैं मीडिया हाउस की वेबसाइट और ऐप्‍स

जहां तक खबरों का सवाल है तो बता दें कि 45 फीसदी यूजर्स मीडिया हाउस की वेबसाइट्स और मोबाइल एप्स का इस्तेमाल करते हैं। कोर न्यूज सेगमेंट में इंटरटेरमेंट और क्राइम ऐसी प्रमुख कैटेगरी हैं जिनकी खबरें सर्वाधिक पढ़ी जाती हैं। इसके अलावा हेल्थ, टेक्नोलॉजी, फैशन जैसी नॉन न्यूज कैटेगरी के आर्टिकल भी बहुत चाव से पढ़े जाते हैं। इस स्‍टडी में यह बात भी निकलकर सामने आई है कि रीडर्स का रुझान उन खबरों के प्रति ज्यादा होता है जिनके शीर्षक रोचक और आकर्षक होते हैं। यह बात न्यूज और नॉन न्यूज दोनों ही कैटेगरी के आलेखों में पाई गई।

ये हैं वो बातें जो भारतीय यूजर्स को चाहिये

भारतीय यूजर्स को विश्‍वास, सरल भाषा और भरोसेमंद न्‍यूज सोर्स चाहिये। वे इनको ही प्राथमिकता देते हैं। आपको बता दें कि हिंदी और गुजराती में स्थानीय खबरों के पाठकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यदि हम आंकड़ों की बात करें तो प्रति 10 ऑनलाइन यूजर्स में से 7 पाठक स्थानीय अथवा अपने शहर की खबरों को बहुत प्राथमिकता से पढ़ते हैं।

इन बातों से चिढ़ते हैं न्‍यूज रीडर्स

दूसरी तरफ भारतीय यूजर्स को वो आर्टिकल्‍स बहुत कम पसंद आते हैं जिनमें ज्‍यादा विज्ञापन होते हैं या जिनकी क्‍वालिटी ठीक नहीं होती। बेढंगे तरीके से डिजाइन किए गए विज्ञापनों के चलते भी वेबसाइट या एप के लिए पाठकों का खबरों के प्रति मोहभंग होता है। महत्वपूर्ण आंकड़ों पर नजर डालें तो भारतीय भाषाओं के इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या 72.9 करोड़ है, जिनमें से 37.9 करोड़ खबरों के लिए न्यूज एप्स, न्यूज वेबसाइट, सोशल मीडिया पोस्ट, फॉरवर्डेड मैसेज और यूट्यूब का इस्तेमाल करते हैं। इनमें से 15.3 करोड़ पाठक ऐसे है

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