भोपाल । देश में पहली बार विधायकों का सम्मेलन मुंबई में होगा। इसके लिए देशभर के चार हजार 300 विधायकों को आमंत्रित किया गया है। अब तक एक हजार 800 विधायकों ने स्वीकृति देकर पंजीयन करा लिया है। प्रदेश के भी सौ विधायकों की स्वीकृति मिल चुकी है। 15 से 17 जून तक चलने वाले इस सम्मेलन में विधायकों की भूमिका, सदन में कार्य व्यवहार से लेकर अन्य विषयों पर चर्चा होगी। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने पत्रकारवार्ता में सम्मेलन की रूपरेखा बताई। उन्होंने कहा कि देश में यह अपनी तरह का पहला सम्मेलन होने जा रहा है। मतदाता जागरुकता के साथ अन्य विषयों पर सत्र होंगे। मध्य प्रदेश विधानसभा में एक निश्चित दिन प्रश्नकाल के दौरान केवल पहली बार के विधायकों और महिला विधायकों को ही प्रश्न करने का अवसर देने का नवाचार किया गया। इसी तरह अन्य राज्यों में भी जो नवाचार हुए हैं, उसकी जानकारी साझा की जाएगी। राजनीति में नेताओं के बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मनभेद नहीं होना चाहिए।
इसी मूल मंत्र के आधार पर सम्मेलन में भी शामिल होन वाले विधायक अपने अनुभव और विचार खुलकर रख सकेंगे। विधायकों को दिए जाने वाले स्टाफ को लेकर उन्होंने कहा कि इस पर भी विचार किया गया जाएगा।
इस अवसर पर पुणे स्थित संस्थान एमआइटी एसओजी के प्रमुख पदाधिकारी राहुल वी कराड़ ने बताया कि सम्मेलन की तैयारियों के सिलसिले में वे स्वयं विभिन्न राज्यों का दौरा कर विधानसभा अध्यक्षों और अन्य संबंधित पदाधिकारियों से चर्चा कर रहे हैं। सभी स्थानों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। इस दौरान विधायक पीसी शर्मा, कृष्णा गौर और विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह उपस्थित थे।
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