आज बढ़ती खाद्य महंगाई दुनिया के कई देशों के लिए चिंता का सबब बनी हुई है। खासकर विकसित देश भी बढ़ती महंगाई से त्रस्त दिख रहे हैं। हालांकि भारत ऐसे समय में पूरी दुनिया के लिए नजीर बना हुआ है, जहां महंगाई काबू में है। कंज्यूमर फूड प्राइस इंडेक्स के अनुसार, भारत में इस साल मार्च में महंगाई दर 4.79 प्रतिशत रही, जबकि बीती फरवरी में यह 5.95 प्रतिशत और बीते साल मार्च में 7.68 प्रतिशत थी।भारत ने जहां महंगाई को काबू कर दुनिया के सामने एक नजीर पेश की है, वहीं दुनिया के विकसित देशों समेत कई देश बढ़ती महंगाई से परेशान हैं। अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोप में महंगाई दर क्रमशः 8.5 प्रतिशत, 19.1 प्रतिशत और 17.5 प्रतिशत है। वहीं लेबनान, वेनेजुएला, अर्जेंटीना और जिम्बाब्वे में यह क्रमशः 352 प्रतिशत, 158 प्रतिशत और 102 प्रतिशत तक पहुंच गई है। कोरोना महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते दुनियाभर में महंगाई बढ़ी है।
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य प्रोफेसर शामिका रवि ने वर्ल्ड ऑफ स्टेटिस्टिक्स के आंकड़े शेयर करते हुए भारत की तारीफ की। बता दें कि जिन देशों में सबसे कम महंगाई है, भारत उनमें शामिल है। रूस और यूक्रेन में दुनिया का सबसे ज्यादा अनाज उगाया जाता है। दोनों देशों में युद्ध के चलते अनाज की सप्लाई दुनियाभर में प्रभावित हुई और यह महंगाई बढ़ने का कारण बनी। वहीं भारत ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाकर पहले ही महंगाई को काबू करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए थे। रूस से कच्चे तेल का आयात करके भी भारत को महंगाई काबू रखने में मदद मिली। रिजर्व बैंक ने भी रेपो रेट बढ़ाकर महंगाई को काबू में रखा।
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