मुरैना । लेपा गांव में हुए सामूहिक हत्याकांड के 10 आरोपितों में से मुख्य आरोपित भूपेंद्र सिंह तोमर कई साल तक सिहोनिया थाने में ड्राइवर व मुखबिर रहा है। बताते हैं कि इसी कारण घटना से पहले ही उसने फरारी की भी तैयारी कर रखी थी। पुलिस का दबाव न बने, इसलिए परिवार को उसने बाहर भेज दिया था। आरोपित आपस में मोबाइल से भी संपर्क नहीं कर रहे। सभी आरोपितों के अलग-अलग दिशाओं में भागने के संकेत पुलिस को मिले हैं। हत्याकांड के तीन दिन बाद भी पुलिस छह आरोपितों को कोई सुराग नहीं लगा सकी है। रविवार रात एक आरोपित सोनू तोमर को राजस्थान के सीकर से गिरफ्तार किया गया है। दो महिलाओं सहित तीन को घटना वाले दिन ही गिरफ्तार कर लिया था। नृशंस हत्याकांड के दो मास्टमाइंड भूपेंद्र व अजीत सिंह तोमर हैं। इनमें से भूपेंद्र सिंह को पुलिस के सारे दाव-पेच पता है, क्योंकि भूपेंद्र पुलिस की गाड़ी पर ड्राइवरी के अलावा अवैध शराब व अवैध हथियार पकड़वाने के लिए पुलिस के मुखबिर का काम भी करता रहा है। खुद भूपेंद्र अवैध शराब बनाने व खपाने का काम भी करता था। पुलिस के इतने नजदीक रहा भूपेंद्र इतना शातिर है कि भागे हुए लोगों के मोबाइल बंद करवा दिए हैं। उसे पता था कि फरार होने पर पुलिस सबसे पहले परिवार के सदस्यों को उठाती है, इसलिए महिला व बच्चों को पहले ही घर से गायब कर दिया।
ससुराल में छिपा था, पुलिस को चकमा देकर भागा था सीकर
लेपा गांव में छह लोगों की हत्या के मामले में आरोपित 30-30 हजार रुपये के इनामी आरोपितों में से एक सोनू तोमर भिंड के भदाकुर गांव में अपनी ससुराल में रह रहा था, जहां पुलिस पहुंची तो छत से कूदकर भाग निकला। पुलिस को पता लगा कि वह ट्रेन में बैठकर राजस्थान की ओर गया है। राजस्थान पुलिस की मदद से जयपुर, सीकर आदि रेलवे स्टेशनों पर निगरानी बढ़ाई। बीती रात सीकर रेलवे स्टेशन पर सोनू को पुलिस ने दबोच लिया। एसपी शैलेंद्र सिंह ने बताया कि कोर्ट में पेशी के बाद सोनू को रिमांड पर लिया गया है, जिससे उससे अन्य आरोपितों के बारे में पूछताछ की जा सके। हत्याकांड के 10 आरोपितों में से रज्जो, पुष्पा, धीरसिंह तोमर को पुलिस लेपा गांव से ही पकड़ चुकी थी।
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