ग्वालियर । स्वच्छ सर्वेक्षण की तैयारियों के लिए संसाधन की कमी से जूझ रहे नगर निगम के अधिकारी अब एक बार फिर से स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन के बजट से वाहन खरीदने की तैयारी कर रहे हैं। पूर्व में भी 50 करोड़ रुपए की लागत से 100 से अधिक वाहनों की खरीद के लिए स्वीकृति का प्रस्ताव भोपाल भेजा गया था, लेकिन वहां से इनकार के बाद यह पूरा मामला ठंडा हो गया था। अब एक बार फिर से इसके लिए प्रयास किए जाएंगे।
नगर निगम द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के लिए पूर्व में 50 करोड़ रुपये की राशि से 150 से अधिक वाहन खरीदने के साथ ही कचरा ट्रांसफर स्टेशनों और लैंडफिल साइट पर मशीनरी की मरम्मत के कार्य कराने की तैयारी कर रहे थे। इसमें 10 करोड़ रुपये की राशि से 16 क्यूबिक मीटर क्षमता वाले 20 रिफ्यूज काम्पेक्टर, चार करोड़ रुपये की लागत से 3.3 क्यूबिक मीटर क्षमता वाले 40 सीएनजी या इलेक्ट्रिक डोर-टू-डोर टिपर वाहन, चार करोड़ रुपये की लागत से दो क्यूबिक मीटर क्षमता वाले 40 इलेक्ट्रिक डोर-टू-डोर टिपर वाहन, तीन करोड़ रुपये की लागत से 10 एस्केवेटर कम लोडर सिक्स इन वन थ्रीडी मशीनें, पांच करोड़ रुपये से 10.5 क्यूबिक मीटर क्षमता वाले 15 डंपर, तीन करोड़ रुपये की लागत से पांच क्यूबिक मीटर क्षमता के 20 मिनी डंपर, डेढ़ करोड़ रुपये से तीन एस्केवेटर पोकलेन मशीनें, साढ़े छह करोड़ रुपये से पांच एफसीटीएस का अपग्रेडेशन और मशीनरी बदलने का काम, एक करोड़ रुपये से 16 से 20 क्यूबिक मीटर क्षमता वाले 10 हुक लोडर के लिए कंटेनर कैप्सूल, आठ करोड़ रुपये की लागत से केदारपुर प्लांट पर 250 टन प्रतिदिन क्षमता वाली वेस्ट टू कंपोस्ट यूनिट सहित दो करोड़ रुपये से फायर ब्रिगेड के लिए एक रेस्क्यू वाहन और दो करोड़ रुपये से फायर ब्रिगेड के लिए चार फोम टेंडर मशीनें खरीदी जानी थीं। इसके लिए स्मार्ट सिटी कारपोरेशन के बजट से पैसा लेने का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन शासन स्तर से इस कार्य के लिए इनकार कर दिया गया। अब नगर निगम आयुक्त हर्ष सिंह ने दोबारा इसका प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
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