मुंबई । एनसीपी प्रमुख के पद से शरद पवार द्वारा इस्तीफा देने के बाद से ही महाराष्ट्र की सियासत में कयासों का दौर जारी है। इस बीच उद्धव गुट वाली शिवसेना के मुखपत्र में शरद पवार को लेकर एक संपादकीय लिखा गया है, जिसमें कई बातों का जिक्र किया गया है। मुखपत्र में छपे इस लेख में शरद पवार के इस्तीफे पर कहा गया है कि हम इस दावे से सहमत नहीं हैं कि पवार साहब तो 1 मई को यानी महाराष्ट्र दिवस को ही रिटायर होने की घोषणा करने वाले थे, लेकिन मुंबई में महाविकास आघाड़ी की ‘वङ्कामूठ’ सभा होने के कारण उन्होंने 2 मई को घोषणा की।
लेख में कहा गया है कि पवार अपना भाषण लिखकर लाए थे। ऐसा कभी नहीं होता, मतलब उनका भावनात्मक आह्वान और इस्तीफे का मसौदा वह ध्यानपूर्वक तैयार करके लाए थे और उसके तहत उन्होंने सब कुछ किया। शरद पवार ने अपनी उम्र का 80 वर्ष कब का पार कर ली है और फिर भी पवार राजनीति में सक्रिय हैं। पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी उनके नाम से खड़ी है और चल रही है। पवार के इस्तीफे के बाद सभागृह में उपस्थित लोग भावनात्मक हो गए।
लेख में लिखा गया है कि पवार द्वारा सेवानिवृत्ति की घोषणा करते ही कई प्रमुख नेताओं के आंसू छलक पड़े, रोने-धोने लगे। पवार के चरणों पर नतमस्तक हो गए। आपके बिना हम कौन? कैसे?’ ऐसा विलाप किया, लेकिन इनमें से कइयों के एक पैर भाजपा में हैं और पार्टी को इस तरह से टूटते देखने की बजाय सम्मान से सेवानिवृत्ति ले ली जाए, ऐसा सेकुलर विचार पवार के मन में आया होगा तो उसमें गलत नहीं है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का एक गुट भारतीय जनता पार्टी की दहलीज पर पहुंच गया है और राज्य की राजनीति में कभी भी कोई भूकंप आ सकता है, ऐसे माहौल में पवार ने इस्तीफा देकर हलचल मचा दी।
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