बेंगलुरु । कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर लगतार प्रचार जारी है। कांग्रेस ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। वहीं, भाजपा सत्ता में वापसी को लेकर खूब मेहनत कर रही है। राज्य में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच ही है। इस बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बसवराज बोम्मई ने कहा कि हम अपने कार्यक्रमों के आधार पर चुनाव लड़ते हैं, वे अपने वादों पर चुनाव लड़ते हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव में बेवजह जाति, धर्म और साम्प्रदायिक भावनाओं को भड़काना ठीक नहीं है, यह कांग्रेस की तुष्टीकरण की राजनीति को दर्शाता है। बोम्मई ने कहा कि कांग्रेस पार्टी आज एसडीपीआई और पीएफआई की गिरफ्त में है, और वह इससे बाहर नहीं निकल सकती। उन्होंने कहा कि एसडीपीआई, पीएफआई के खिलाफ बात करने पर कांग्रेस के नेताओं को चिंता सताने लगेगी। उन्होंने कहा कि पीएफआई एसडीपीआई का दूसरा रूप है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने खुलेआम एसडीपीआई से समर्थन मांगा था।
दरअसल, बोम्मई कांग्रेस के घोषणापत्र पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे। बोम्मई ने कहा कि कांग्रेस का बजरंग दल और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के बीच समानताएं बनाना अनुचित है। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में कहा है कि वह बजरंग दल और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाएगी। बोम्मई ने कहा कि कांग्रेस सत्ता में नहीं आएगी और बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का सवाल ही नहीं उठेगा। उन्होंने कहा, हालांकि, इस तरह के वादे उनकी (कांग्रेस) नीति को दर्शाते हैं। बजरंग दल एक सामाजिक और धार्मिक सेवा संगठन है। पीएफआई ने देश के खिलाफ काम किया है, आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है और उसके खिलाफ कई मामले एवं सबूत हैं।
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