बढ़ती महंगाई पर काबू पाने की जद्दोजहद के बीच अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दर में 25 आधार अंकों यानी 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की है। अमेरिका के केंद्रीय बैंक की ओर से ब्याज दर में लगातार 10वीं बार वृद्धि की गई है। इस बढ़ोतरी के साथ ही ब्याज दर 5.1 फीसदी पर पहुंच गई है। यह 16 सालों में सर्वोच्च स्तर है। 1980 के बाद से दर बढ़ाने की यह सबसे तेज रफ्तार है।
पिछले साल मार्च से अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने दर बढ़ाने का सिलसिला शुरू किया था। उस समय बेंचमार्क की ब्याज दर शून्य थी, जो अब 5.1% तक पहुंच गई है। दर ऐसे समय बढ़ाई गई है, जब अमेरिका में तीन बैंक डूब चुके हैं या उन्हें दूसरे बैंकों ने खरीद लिया है।
हालांकि, फेड रिजर्व ने बैंकिंग क्षेत्र में उथल-पुथल के बीच ब्याज दरों में बढ़ोतरी के अभियान को रोकने के संकेत भी दिए हैं। फेडरल ब्याज दर वह दर है जिस पर अमेरिका में बैंकों और वित्तीय संस्थानों को केंद्रीय बैंक कर्ज देता है। इसमें वृद्धि से उपभोक्ताओं और व्यवसायों के लिए कर्ज लेना और महंगा हो जाएगा।
सोने में एक बार फिर तेजी
ब्याज दर बढ़ने की उम्मीद में सोना एक बार फिर तेजी में रहा और भारत में यह बुधवार को 670 रुपये बढ़कर बंद हुआ। शेयर बाजारों में गिरावट रही। विश्लेषकों का मानना है कि आगे अमेरिका में ब्याज दर बढ़ने का सिलसिला रुक सकता है। फेड ने बुधवार को दर बढ़ाने के बाद कहा कि महंगाई उच्चस्तर पर है। हाल की कुछ बैंक विफलताओं के बावजूद, अमेरिकी बैंकिंग प्रणाली मजबूत और लचीली है।
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