मस्तिष्क रेखा से जानें कैसे लोग होते हैं मूर्ख और कैसे लोग जीवन में पाते हैं सफलता?

वैसे तो हथेली की हर रेखा महत्वपूर्ण होती है, लेकन इन सभी में मस्तिकष्क रेखा काफी खास मानी गई है। ये रेखा हमारे आचार-विचार आदि के बारे में बताती है और मानसिक स्थिति का वर्णन करती है।

मस्तिष्क रेखा हमारे अंगूठे और सबसे छोटी उंगली के मध्य से में निकलते हुए सीधे आगे बढ़ती है। ये रेखा जीवन रेखा के साथ ही शुरू होती है लेकिन कुछ दूर जाकर अलग-अलग हो जाती है। व्यक्ति की सोच और मानसिक स्थिति समझने के लिए इसी रेखा का अध्ययन किया जाता है। एशियानेट हिंदी ने अपने पाठकों के लिए हस्तरेखा (know future from palm line) की एक सीरीज शुरू की है, हस्तरेखा से जानें भविष्य। इस सीरीज के अंतर्गत पहले हम आपको मस्तिष्क रेखा से जुड़ी कई खास बातें पहले बता चुके हैं। आगे जानिए मस्तिष्क रेखा से जुड़ी कुछ अन्य खास बातें.

यदि मस्तिष्क और जीवन रेखा एक-दूसरे को स्पर्श करते हुए एक ही स्थान से आरंभ होती है तो ऐसा व्यक्ति रीति रिवाजों और अपनी परंपराओं को मानने वाला होता है। वह अपने परिवार की परंपरा का आगे बढ़ाता है और कुल का नाम रोशन करता है। ऐसे लोग परिवार का ध्यान रखते हैं और समाज में लोकप्रिय भी होते हैं।

जिन लोगों की हथेली में मस्तिष्क रेखा, जीवन रेखा के काफी बाद शुरू होती है, ऐसे लोग पुरानी मान्यताओं को तोड़कर आगे बढ़ना चाहते हैं। कई बार ऐसे लोगों का मस्तिष्क का विकास काफी देर से होती है। समय के साथ इनकी बुद्धि बढ़ती है। ये सामान्य लोगों से थोड़े अलग होते हैं।

जिस व्यक्ति की हथेली में मस्तिष्क रेखा समकोण से बड़ी होकर ऊपर उठती हुई दिखाई दे तो ऐसे लोगों का स्वभाव अत्यंत कठोर होता है। कभी-कभी ये मूर्खतापूर्ण काम भी कर बैठते हैं। ऐसे लोग कुंठित होते हैं जो दूसरों को देखकर उनसे ईर्ष्या करते हैं और अपने जीवन में काफी आगे नहीं बढ़ पाते।

कुछ लोगों की हथेली में मस्तिष्क रेखा जीवन रेखा के नीचे से शुरू होती है। ऐसे लोग अस्थिर प्रवृत्ति के होते हैं। वे हर काम बड़े ही उत्साह से शुरू करते हैं, लेकिन उतनी ही तेजी से निरुत्साही भी हो जाती है। इनके विचार हर थोड़े समय के बाद बदल जाते हैं। ये किसी एक विचार पर स्थिर नहीं रह पाते, इसलिए लोग इन्हें मूर्ख समझते हैं।

कई हाथों में मस्तिष्क रेखा जीवन रेखा से कुछ हटकर अलग से प्रारम्भ होती है। ऐसे लोग के विचारों से प्रभावित नहीं होते हैं बल्कि अपने साहस एवं आत्मविश्वास के साथ निर्णय स्वयं लेते हैं। ऐसे लोग हर काम में सफलता प्राप्त करते हैं। इन्हें समाज में मान-सम्मान भी मिलता है।

लेखक परिचय
राजेन्द्र गुप्ता ज्योतिष जगत में एक जाना-पहचाना नाम है। आप वर्तमान में अजमेर (राजस्थान) में रहकर हस्तरेखा विषय पर निरंतर शोधपरक कार्य कर रहे हैं। आपने एम.ए. दर्शनशास्त्र में स्वर्णपदक प्राप्त किया है। साथ ही इतिहास और राजनीति शास्त्र विषयों पर भी आपने एम. ए. किया है। साहित्यागार प्रकाशन जयपुर से हिंदी व्याकरण पर आपकी तीन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। रेडियो-टीवी पर भी आपकी कई खोजपरक रिपोर्ट और वार्ताएं प्रसारित हो चुकी हैं।

 

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