राजधानी जयपुर में प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया। डॉक्टर ने एक महिला मरीज की सर्जरी के दौरान उसके पेट में कैंची छोड़ दी। पेट में दर्द और जां के बाद जब ममाले का पता चला तो एसएमएस अस्पताल के डॉक्टर्स ने सफलतापूर्वक कैंची को निकाल कर मरीज की जान बचाई। लापरवाही के इस मामले में 24 घंटे बीत जाने के बाद भी अब तक प्राइवेट अस्पताल के उन डॉक्टर्स पर अस्पताल प्रशासन की ओर से किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई है।
राजधानी के सीतापुरा स्थित एक प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर की लापरवाही के चलते एक महिला मरीज की जान पर बन आई। सवाईमाधोपुर निवासी धोली ने बीते दिनों उक्त प्राइवेट अस्पताल में तिल्ली बढ़ने का ऑपरेशन कराया था। सर्जरी के दौरान उसके पेट में डॉक्टर्स ने सर्जिकल उपकरण मेटल की कैंची छोड़ दी। 20 अप्रैल को धोली अस्पताल से तो डिस्चार्ज हो गई, लेकिन उसके पेट में दर्द होने लगा। इस पर 29 अप्रैल को उसे प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सवाई मानसिंह में भर्ती कराया गया।
एक्स-रे में हुआ खुलासा
अस्पताल में एक्स-रे कराने पर मरीज के पेट में कैंची नजर आई। इस पर सर्जरी यूनिट की हेड डॉक्टर शालू गुप्ता ने देर रात ऑपरेशन करते हुए कैंची को बाहर निकाला। डॉ. शालू ने बताया कि मरीज अब ठीक है जल्द उन्हें डिस्चार्ज भी कर दिया जाएगा। डॉ. शालू ने इसे लापरवाही के बजाय ऑपरेशन टीम का एक ह्यूमन एरर बताया।
वहीं, प्राइवेट अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आरसी गुप्ता ने मामला संज्ञान में आने के बाद अब जांच की जाने की बात कही है। हालांकि प्रशासन की ओर से अभी तक महिला का ऑपरेशन करने वाले किसी डॉक्टर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.