गुड्स एंड सर्विस टैक्स कलेक्शन में अप्रैल में रिकॉर्ड बढ़त दर्ज की गई है. नए वित्त वर्ष के पहले महीने में जीएसटी कलेक्शन सालाना आधार पर 12 प्रतिशत बढ़कर 1.87 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. यह किसी एक महीने में जुटाया गया सबसे अधिक जीएसटी रेवेन्यू है. जुलाई, 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद सबसे ज्यादा टैक्स कलेक्शन का पिछला रिकॉर्ड 1.68 लाख करोड़ रुपये था, यह पिछले साल अप्रैल में बना था.
अब तक का सबसे ज्यादा जीएसटी कलेक्शन
पीएम मोदी की तरफ से एक ट्वीट में कहा गया, ‘भारतीय अर्थव्यवस्था के लिये बड़ी खबर. टैक्स की कम दर के बावजूद टैक्स कलेक्शन बढ़ना जीएसटी की सफलता को बताता है. यह बताता है कि जीएसटी ने एकीकरण और अनुपालन को किस तरह बढ़ाया है.’ वित्त मंत्रालय ने अप्रैल, 2023 के टैक्स कलेक्शन के नंबर्स जारी करते हुए कहा कि पिछले महीने कुल जीएसटी कलेक्शन 1,87,035 करोड़ रुपये रहा. इसमें केंद्रीय जीएसटी 38,440 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी 47,412 करोड़ रुपये और एकीकृत जीएसटी 89,158 करोड़ रुपये रहा.
पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 22 प्रतिशत अधिक
जीएसटी कलेक्शन के आंकड़ों में 12,025 करोड़ रुपये (आयातित वस्तुओं पर प्राप्त 901 करोड़ रुपये समेत) का सेस भी शामिल है. मंत्रालय ने कहा, ‘एक साल पहले समान महीने की तुलना में अप्रैल, 2023 में जीएसटी कलेक्शन 12 प्रतिशत अधिक रहा है.’ इस दौरान घरेलू लेनदेन (सेवाओं के आयात समेत) से मिलने वाला टैक्स राजस्व सालभर पहले की तुलना में 16 प्रतिशत अधिक है. वित्त वर्ष 2022-23 में जीएसटी का कुल कलेक्शन 18.10 लाख करोड़ रुपये रहा था, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 22 प्रतिशत अधिक है.
मंत्रालय ने यह भी कहा कि मार्च 2023 में नौ करोड़ ई-वे बिल सृजित हुए, जो फरवरी 2023 के 8.1 करोड़ बिल के मुकाबले 11 प्रतिशत अधिक है. सरकार ने अप्रैल के दौरान आईजीएसटी से 45,864 करोड़ रुपये केंद्रीय जीएसटी और 37,959 करोड़ रुपये राज्य जीएसटी का निपटान किया. नियमित निपटान के बाद केंद्र और राज्यों का अप्रैल 2023 में कुल राजस्व केंद्रीय जीएसटी के मामले में 84,304 करोड़ रुपये और राज्य जीएसटी के संदर्भ में 85,371 करोड़ रुपये रहा.
जीएसटी कलेक्शन पर उद्योग मंडल एसोचैम के अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा कि अप्रैल में रिकॉर्ड जीएसटी संग्रह वित्त वर्ष 2023-24 की एक शानदार शुरुआत है. उन्होंने कहा, ‘उपभोक्ता मांग में तेजी के साथ जीएसटी संग्रह का आंकड़ा देश की अर्थव्यवस्था की मजबूत वृद्धि का संकेत है.’
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