पैसेंजर / एक्सप्रेस ट्रेनों को मालगाड़ी लोको पायलट से क्यों चलवा रेल प्रशासन ?
राष्ट्र चंडिका,सिवनी। बड़ी रेल लाइन का सपना सिवनीवासियों का संभवतयः भारत देश में सबसे ज्यादा इंतजार के बाद समाप्त हुआ है। इसके लिये अनेको जनआंदोलन किया गया, जनप्रतिनिधियों की कमजोर राजनैतिक पहुंच के कारण सिवनी जिला वासियों को बड़ी रेल लॉईन की सुविधा देर सबेर मिल पाई है। हालांकि इसके बाद भी सिवनीवासियों ने इसे सहृदय स्वीकार करते हुये केंद्र सरकार का आभार मानकर सम्मान किया है। हां राजनैतिक दलों के द्वारा श्रेय लेने की राजनीति हर स्तर पर की जा रही है। राजनैतिक दलों के नेता और सत्ताधारी दल के सांसद व अन्य जनप्रतिनिधि रेल सुविधा मिलने के बाद श्रेय लेने मैं इतने ज्यादा खुश है कि रेल चलाने के लिये जरूरी व्यवस्था व सुविधायें नियमानुसार है या नहीं इस पर कोई ध्यान दे रहे है और न ही संज्ञान ले रहे है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि सिवनी को बड़ी रेल लाईन की सौगात तो मिल ही गई है लेकिन साथ में किसी बड़ी दुघर्टना को आमंत्रण देने का प्रयास भी रेल प्रशासन के द्वारा किया जा रहा है इस पर सुधार की व्यापक व अनिवार्य आवश्यकता है।
मालगाड़ी के लोको पायलट से चलवाया गया
आने वाले दिनों में भी छिंदवाड़ा में यही स्थिति बनी रहने की पूरी संभावना है क्योंकि अधिकारियों ने छिंदवाड़ा लॉबी में पर्याप्त और पैसेंजर एक्सप्रेस ट्रेनों को चलाने में योग्यता प्राप्त लोको पायलटों की पोस्टिंग नहीं की है। यानी हम कह सकते हैं कि छिंदवाड़ से चलने वाली पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेन भगवान भरोसे चल रही है। जो किसी दिन बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। छिंदवाड़ में रेलवे गार्ड की
ही हुए है जो कहीं से भी पैसेंजर ट्रेन को चलाने की ना तो योग्यता रखते है ना ही अनुभव रखते है और ना ही पैसेंजर लोको पायलट ट्रेनिंग कोर्स किया है।अधिकतर मालगाड़ि यों को बिना गाड के चलवाया जा रहा है
अब यह किसी बड़ी दुर्घटना को आमंत्रण देने वाली कार्यप्रणाली अधिकारियों के लिए रोज की बात हो गई है और इन सबसे उन्हें कोई फर्क भी नहीं पड़ता है।
दो एक्सप्रेस ट्रेनों का एक्सटेंशन का अधिकारियों ने नहीं तैयार किया व्यवस्थित प्लान – हम आपको बता दे कि विगत दिनों 2023 को सिवनी के लिए दो शहडोल के पास दो मालगाड़ियों एक्सप्रेस ट्रेनों का एक्सटेंशन जो की आमने सामने टक्कर में कुछ कि पहले से तय था लेकिन | रेल कर्मचारियों की जान गई थी अधिकारियों ने इसका कोई एवं रेलवे को लगभग 500 करोड़ व्यवस्थित प्लान तैयार नहीं से अधिक का नुकसान भी हुआ किया। नतीजतन आनन फानन लेकिन इसके बाद भी रेलप्रशासन में पेंचव्हेली एक्सप्रेस को के अधिकारी कर्मचारी इन मालगाड़ी के लोको पायलट से | दुर्घटनाओं से कोई सबक नहीं ले चलवाया गया जो कि एक्सप्रेस रहे हैं। 24 अप्रैल से बड़ी रेल ट्रेनों को चलाने में कहीं से भी लाईन में रेल प्रारंभ हो गई थी। सक्षम नहीं है ना ही पैसेंजर वहीं रेलवे के विश्वनीय सूत्रों से प्राप्त लोको पायलट ट्रेनिंग कोर्स जानकारी के अनुसार 28 अप्रैल पास है
नागपुर में डिवीजन ऑफिस में बैठे अधिकारियों को नहीं है। आम जनता की चिंता – हम आपको बता दे कि छिंदवाड़ा रेलवे में सफर करती है ना उसकी स्थित लॉबी में यह रोज की बात है जान की कोई परवाह है ना ही विगत दिनों रीवा एक्सप्रेस को भी रेलवे को होने वाले करोड़ों के मालगाड़ी लोको पायलट से नुकसान की है फिक्र है। खुद चलवाया गया एवं हर दिन नागपुर में बहुत सी पैसेंजर / छिंदवाड़ा से चलने वाली दो तीन एक्सप्रेस ट्रेनों को aमालगाड़ी पैसेंजर / एक्सप्रेस ट्रेनों को लोको पायलट चला रहे हैं। मालगाड़ी लोको पायलट ही यहां तक की दुरंतो जैसी चलवाया जा रहा है। नागपुर में एक्सप्रेस ट्रेनों को भी कई बार डिवीजन ऑफिस में बैठे मालगाड़ी के लोको पायलट से अधिकारियों को आम जनता जो चलवा दिया जाता है।
भारी कमी है, इसलिए भंडारकुड से भिमालगोंदी चलवाया जा रहा है। अधिकतर मालगाड़ि यों को के बीच कि टिकल घाट बिना गार्ड के चलवाया जा सेक्शन है. यदि कोई रहा है। छिंदवाड़ा से मालगाड़ी बीच में 1 इतवारी सेक्शन में अनकपल होती है तो बहुत भारी दुर्घटना का कारण बनेगी।