धार्मिक तौर पर वैसे तो कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता हैं लेकिन एकादशी का व्रत बेहद खास माना जाता है। जो कि हर माह मनाया जाता है।
एकादशी की तिथि भगवान विष्णु की प्रिय तिथियों में से एक है जो भगवान विष्णु की पूजा को समर्पित होती है। मान्यता है कि इस दिन श्री हरि की पूजा करने से साधक को उत्तम फलों की प्राप्ति होती है और सभी प्रकार के कष्टों का भी निवारण हो जाता है।
पंचांग के अनुसार हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन व्रत करने से सभी तीर्थों पर स्नान करने के बराबर पुण्य मिलता है। इस व्रत को अगर विधिवत किया जाए तो भक्तों की मनोकामनाएं भी पूर्ण हो जाती है। आपको बता दें कि निर्जला एकादशी का व्रत निर्जल रखा जाता है इस दिन पानी पीना भी वर्जित माना गया है। तो आज हम आपको एकादशी व्रत पूजन का सबसे शुभ मुहूर्त बता रहे हैं तो आइए जानते है।
एकादशी व्रत का शुभ समय-
धार्मिक पंचांग के अनुसार इस बार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि मंगलवार यानी 30 मई को दोपहर 1 बजकर 7 मिनट से आरंभ हो रही है ये तिथि अगले दिन 31 मई दिन बुधवार को दोपहर 1 बजकर 45 मिनट पर समाप्त हो रही है। ऐसे में एकादशी का व्रत इस बार 31 मई को करना उत्तम रहेगा।
इसी दिन भगवान विष्णु की पूजा भी की जाएगी। इसके साथ ही एकादशी व्रत का पारण गुरुवार यानी 1 जून को सुबह 5 बजकर 24 मिनट से 8 बजकर 10 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में व्रत का पारण करने से व्रत पूजन का पूर्ण फल प्राप्त होता है।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.