नई दिल्ली । यूरोप में हीटवेव के कारण पिछले साल 15000 से ज्यादा मौतें हुई थी। इस साल भी हीटवेव से यूरोप के देश भारी संकट में है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन, धरती का तापमान बढ़ने से चिंतित है।पर्यावरण में परिवर्तन आने के कारण बाढ़, सूखा,ठंड और गर्मी का चक्र सारी दुनिया के देशों में तेजी के साथ बदल रहा है।
विश्व के मानचित्र पर एशियाई महाद्वीप में भी रिकॉर्ड गर्मी दर्ज की जा रही है।भारत, बांग्लादेश, नेपाल, थाईलैंड, चीन सहित एशियाई देशों के तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है। पिछले साल गर्मी ने सारी दुनिया में अपना प्रचंड रूप दिखाया था। इस वर्ष भी कई एशियाई देश भारी गर्मी की चपेट में है।
विश्व मौसम विज्ञान संगठन द्वारा 2022 की जो वार्षिक रिपोर्ट जारी की गई है। उसमें कहा गया है कि ग्रीन हाउस गैसों के रिकॉर्ड स्तर ने, वैश्विक स्तर पर सूखा, बाढ़ और हीटवेव के कारण मौसम में परिवर्तन लाने का काम किया है। इसका असर बड़ी तेजी के साथ जन जीवन के ऊपर पड़ रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार 3 ग्रीन हाउस गैसों, जिसमें कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन और नाइट्रिक ऑक्साइड के स्तर में लगातार वृद्धि हो रही है।
रिपोर्ट के अनुसार 2022 में गर्मियों के दौरान हीटवेव से स्पेन में लगभग 4600 जर्मनी में 4500 यूनाइटेड किंगडम में 2800 फ्रांस में लगभग 2800 तथा पुर्तगाल में 1000 से अधिक लोगों की मौत का कारण हीटवेव था। विश्व मौसम विज्ञान संगठन के अनुसार 1850 के बाद 2022 का साल दुनिया का सबसे गर्म साल रिकॉर्ड किया गया है।
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