जिनकी भी इनकम टैक्सेबल लिमिट से ज्यादा होती है उन्हें टैक्स चुकाना ही पड़ता है. देश में वर्तमान में दो अलग-अलग टैक्स व्यवस्थाओं के तहत इनकम टैक्स दाखिल किया जाता है. इनमें New Tax Regime और Old Tax Regime शामिल है. दोनों ही टैक्स व्यवस्थाओं में टैक्स दाखिल करते वक्त अलग-अलग टैक्स स्लैब दिए गए हैं, जिनके हिसाब से टैक्स दाखिल करना होता है.
इनकम टैक्स रिटर्न
केंद्रीय बजट 2023 पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से इनकम टैक्स में कई प्रकार के बदलाव करने का ऐलान किया गया था. इन बदलाव के तहत टैक्स रिजीम में भी बदलाव किया गया था. साथ ही इनकम टैक्स स्लैब भी बदले गए थे. वहीं न्यू टैक्स रिजीम में बदलाव का ऐलान करते हुए मोदी सरकार की ओर से 3 लाख रुपये तक जीरो टैक्स रखा है. आईटीआर
इसके बाद 3-6 लाख रुपये सालाना की इनकम पर लोगों को 5 फीसदी का टैक्स देना होगा. वहीं अगर किसी की इनकम 6-9 लाख रुपये है तो इन लोगों को 10% इनकम टैक्स चुकाना होगा. अगर किसी की सालाना इनकम 9-12 लाख रुपये है तो इन लोगों को 15% टैक्स चुकाना होगा. इसके बाद जिन लोगों की इनकम 12-15 लाख रुपये है तो उन लोगों को 20% का टैक्स चुकाना होगा. इसके अलावा जिन लोगों की इनकम 15 लाख रुपये से ज्यादा है उन्हें 30% टैक्स दाखिल करना होगा.
पुराना टैक्स रिजीम
वहीं अगर पुराने टैक्स रिजीम की बात की जाए तो 60 साल से कम उम्र के व्यक्तिगत टैक्सपेयर्स को 2.5 लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं देना होगा. इसके बाद 2.5 से 5 लाख रुपये की सालाना इनकम पर इन लोगों को 5 फीसदी का टैक्स चुकाना होगा. वहीं 5-10 लाख रुपये सालाना की इनकम पर 20 फीसदी टैक्स चुकाना होगा. वहीं जिनकी इनकम 10 लाख रुपये सालाना से ज्यादा है उन्हें 30 फीसदी का टैक्स देना होगा.
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