लंदन/वॉशिंगटन । इस समय कोरोना का एक नया वेरियंट लोगों को संक्रमित कर रहा है। भारत सहित दुनिया के कई देशों में कोरोना के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं। कोविड मामलों में इस उछाल के लिए कोरोना के नए वेरिएंट को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इस वेरिएंट का नाम आर्कटुरस है। यह ओमीक्रोम का एक सब-वेरिएंट है, जिसे बक्सबीबी.1.16 स्ट्रेन नाम से भी जाना जाता है। यह वेरिएंट अब तक 22 देशों में फैल चुका है जिसमें सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, अमेरिका और भारत भी शामिल है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) विगत 22 मार्च से इस वेरिएंट की निगरानी कर रहा है। कोरोना के नए वेरिएंट तथा इसके लक्षण को लेकर विशेषज्ञों ने सलाह भी जारी की है। कोविड के लिए डब्ल्यूएचओ की टेक्निकल लीड डॉ मारिया वैन ने कहा कि यह कुछ महीनों से फैल रहा है। हमने लोगों या आबादी में गंभीरता के स्तर में बदलाव नहीं देखा है। लेकिन स्पाइक प्रोटीन में इसका एक अतिरिक्त म्यूटेशन लैब स्टडी में संक्रामकता में वृद्धि के साथ-साथ संभावित बढ़ी हुई रोगजनकता को दिखाता है। विशेषज्ञ बता रहे हैं कि यह वेरिएंट कोरोना के दो वेरिएंट्स से मिलकर बना है। चिंता की बात यह है कि इसका नया स्वरूप इम्यूनिटी के सुरक्षा कवच को भेद सकता है और उन लोगों को संक्रमित कर रहा है जो पहले कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं या कोरोना का टीका लगवा चुके हैं।
कोरोना के नए वेरिएंट के लक्षण पिछले स्वरूपों से बिल्कुल अलग हैं। नया स्वरूप कंजंक्टिवाइटिस या लाल आंखों का कारण बन रहा है, खासकर 12 साल से छोटे बच्चों में। बच्चों को तेज बुखार, खांसी, लाल आंखें, खुजली और आखों से पानी आने की शिकायत हो सकती है। आर्कटुरस के लक्षण एडेनोवायरस जैसे दूसरे वायरस की तरह हो सकते हैं, जो भारत में गर्मी के मौसम में बेहद आम है। विशेषज्ञों के अनुसार अन्य लक्षण सिरदर्द, गले में खराश, बंद नाक, बुखार और मांसपेशियों में दर्द हो सकते हैं। यह मरीज के पाचन तंत्र को भी प्रभावित कर सकता है और दस्त (डायरिया) का कारण बन सकता है। कोरोना का नया वेरिएंट अत्यधिक संक्रामक हो सकता है। वॉरविक यूनिवर्सिटी के वायरोलॉजिस्ट प्रोफेसर लॉरेंस यंग ने बताया कि भारत में नए वेरिएंट का मिलना इस बात का संकेत है कि हम अभी खतरे से बाहर नहीं हैं और हमें इस पर नजर रखनी होगी।
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