बेदाग छवि के एसपी को भी कुछ नही समझता बटलर
पुलिस के अच्छे व्यवहार को लेकर हालीवुड ने अनेक फिल्मे की जिन्हें देखकर पुलिस के प्रति लोगों के मन में सिंघम, लेडीस सिंघम जैसी अनेकों फिल्मे शामिल है, इन फिल्मों से विभाग के कर्मचारी प्रभावित तो होते है मगर अपराधी तत्त्वों से सांठगांठ कर वह उनके साथ-साथ सूर में सूर मिलाने लगते है।
राष्ट्रचंडिका, सिवनी। सिवनी पुलिस विभाग में बंटा बटलर के नाम से एक ऐसा कर्मी है जो बनना तो चाहता है सिंघम मगर वह अपराधी तत्वों में चर्चित बना हुआ है। किसी फिल्मी अंदाज में ये महाशय कहते है कि समय आने पर मैं एसपी, डीआईजी की भी नही सुनता, ऐसी स्थिति में उनका व्यवहार विभाग के लिए समस्या बना हुआ है।
सूत्रों का कहना है कि बटलर सुरेश सोनी बंटा को हर बात की जानकारी रहती है कि कब, कहा पर जुआ की फड़ बैठी है और कौन-कौन मालदार पार्टी भी इसमें लिप्त है लेकिन वह इस तरह अनजान रहते है मानों वह कुछ जानते ही ना हो तथा उनकी कार्यप्रणाली से उनका तो भला हो जाता है लेकिन आम आदमी की परेशानी बढ़ जाती है। बटलर अपने गलत कार्यो को भी इतनी सूझबूझ से करते है कि यह कहावत चरितार्थ होने लगती है कि हाथ भी न जले और हवन भी हो जाये। भ्रष्टाचार के पर्याय बने इस कर्मचारी पर आखिर अधिकारी क्यों मेहरबान है वह समझ से परे है।
बटलर का एक ही सिद्धांत है कि भले ही दुनिया विभाग को लेकर कुछ भी कहे मगर हमें तो हर मामले में पैसे मतलब है। आश्चर्य तब होता है जब बेदाग छवि के एसपी रामजी श्रीवास्तव के कार्यकाल में ऐसे लोगों की कार्यप्रणाली के खिलाफ आज तक कार्यवाही क्यों नही हुई? बटलर को गरीब, अमीर से मतलब नही है वह तो हर किसी के साथ चढ़ौत्री के आधार पर व्यवहार करते है। जिस पर अंकुश नही लगाया गया तो जनता का आक्रोश के कारण आमजन एवं पुलिस के बीच दुरिया बढेगी। पता नही जिनकी छत्र छाया में बटलर कार्य कर रहे ऐसे अधिकारी में महाभारत के धृतराष्ट्र की तरह आंख में पट्टी बांधे है जो सब देखकर अंजान बने है। सूत्रों का कहना है कि बटलर की कार्यप्रणाली से विभागीय अमला भी परेशान है लेकिन वह चाहकर भी कुछ नही कर पा रहे है सूत्र बताते है कि बटलर को राजनैतिक संरक्षण होने से वह कहता है कि मेरा कोई कुछ नही बिगाड़ सकता, बटलर के बड़बोल से आश्चर्य होता है कि विभागीय अमला इन्हें अभी तक झेल क्यों रहा है?