भोपाल से रायपुर आने वाली इंडिगो की फ्लाइट में हुई घटना, लैडिंग गियर में खराबी, बाल-बाल बची यात्रियों की जान

रायपुर ।  माना एयरपोर्ट में गुरूवार को उस समय बड़ा हादसा टल गया, जब भोपाल से रायपुर आने वाली इंडिगो की फ्लाइट में तेज हवाओं के दबाव की वजह से लैडिंग गियर में तकनीकी खराबी आ गई थी। इससे यात्रियों को विमान के भीतर जोर का झटका लगा और यात्रियों की जान आफत में आ गई। एटीआर-72 फ्लाइट संख्या 6ई-7568 जो कि माना एयरपोर्ट पर शाम 6.55 बजे पहुंचती है। इस फ्लाइट की लैडिंग शाम 7.30 बजे हो पाई। यात्रियों के मुताबिक रन-वे से 50 फीट ऊपर जब फ्लाइट की लैडिंग होनी वाली थी कि अचानक फ्लाइट हवा में हिचकोले खाने लगा।

पायलट ने पूरी कोशिश की, लेकिन फिर भी सुरक्षित लैडिंग नहीं हो सकी, जिसके बाद फ्लाइट को पुन: आसमान की तरफ ले जाया गया। इसके बाद लगभग 30 मिनट तक मौसम साफ होने तक फ्लाइट को माना एयरपोर्ट के चक्कर लगाया गया। एयरपोर्ट अधिकारियों के मुताबिक खराब मौसम की वजह से यह स्थिति निर्मित हुई। यात्रियों ने बताया कि उनका यह अनुभव काफी खतरनाक था। कुछ यात्रियों ने ट्वीटर के माध्यम से डीजीसीए और केंद्र सरकार को अपने अनुभव साझा किए हैं साथ ही यह भी लिखा है कि एटीआर-72 फ्लाइट में आवश्यक तकनीकी सुधार किए जाए, ताकि तेज हवाओं के बाद भी सुरक्षित लैडिंग और टेकआफ हो सके। इंडिगो प्रबंधन को जब घटना की जानकारी दी गई तो स्थानीय अधिकारियों ने किसी भी प्रकार का बयान देने से मना कर दिया।

ऐसा लगा हवा में ही क्रैश हो जाएगी फ्लाइट

एक यात्री ने नाम ना प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि लैडिंग के ठीक पहले स्थिति ऐसी थी कि फ्लाइट बस क्रैश होने वाली है। फ्लाइट के भीतर यात्रियों में डर इतना था कि वे कुछ बोल भी नहीं पा रहे थे। खराब लैडिंग की स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एयर होस्टेज भी काफी घबराई हुई थी। आम तौर पर एयर होस्टेज यात्रियों को घटना की गंभीरता से अहसास नहीं कराती, लेकिन इंडिगो की फ्लाइट में स्थिति कुछ अलग थी

लगातार उड़ान और रख-रखाव की कमी

लगातार उड़ानें और विमानों में रख-रखाव की कमी को भी तकनीकी खराबी की प्रमुख वजह बताई जा रही है। इससे पहले विमानों में अन्य तरह की खामियों को लेकर यात्रियों की लगातार शिकायतें मिलती रही है। डीजीसीए ने भी विमानन कंपनियों को रख-रखाव बेहतर करने का फरमान जारी किया है।

क्या होती है लैडिंग गियर की खराबी

तकनीकी विशेषज्ञों के मुताबिक फ्लाइट में तीन लैडिंग गियर होते हैं। पहला सामने जिसे नोज कहते हैं और और दो लैडिंग गियर पंखों के नीचे लगा लगा रहता है। लैडिंग गियर में ब्रेक और पहिया भी शामिल रहता है। तकनीकी खराबी की वजह बार लैडिंग गियर खुलता नहीं है। फ्लाइट को हवा में चक्कर लगवाया जाता है। एटीसी की मदद से दूरबीन से बात करके यह देखा जाता है कि लैडिंग गियर खुल रहे हैं या नहीं। सही स्थिति पाए जाने पर लैडिंग करवाई जाती है।

इनका कहना 

माना एयरपोर्ट के डायरेक्टर प्रवीण जैन ने बताया कि इंडिगो प्रबंधन के मुताबिक खराब मौसम की वजह से यह स्थिति निर्मित हुई। कुछ यात्रियों की ओर से भी घटना की जानकारी मिली है।

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