रांची। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रांची के पूर्व उपायुक्त और आईएएस अधिकारी छवि रंजन पर कानूनी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। रांची के बरियातू स्थित सेना के कब्जे वाली जमीन की अवैध तरीके से खरीद-बिक्री मामले में ईडी ने गुरुवार सुबह तीन राज्यों के 22 ठिकानों पर छापेमारी की।
ईडी ने झारखंड के रांची और जमशेदपुर के अलावा बिहार के गोपालगंज और बंगाल के कोलकाता में छापेमारी की। यह सभी ठिकाने रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन, उनके कार्यकाल पदस्थापित रहे चार अंचलाधिकारी, उनके रिश्तेदार, कुछ जमीन माफिया और जगतबंधु टी एस्टेट के संचालक से संबंधित हैं।
चाबी मंगाकर खोला गया फ्लैट का ताला, जांच जारी
पूजा सिंघल के बाद छवि रंजन झारखंड के दूसरे आइएएस अधिकारी हैं, जिनपर ईडी का छापा पड़ा है। आइएएस छवि रंजन अभी निदेशक समाज कल्याण के पद पर पदस्थापित हैं।
छवि रंजन के कदमा (जमशेदपुर) स्थित लौंगिया अपार्टमेंट के आवास पर ईडी ने कार्रवाई की। यहां छवि रंजन के पिता रहते थे, लेकिन एक माह से घर बंद था। टीम ने आदित्यपुर से छवि रंजन के भतीजे से चाबी मंगाकर फ्लैट का ताला खोला।
ईडी के अधिकृत सूत्रों की माने तो यह छापेमारी सिर्फ सेना के कब्जे वाली जमीन से संबंधित ही नहीं है। ये मामला इसी तरह के कई जमीन की अवैध तरीके से खरीद-बिक्री की जांच को लेकर हो सकता है। अब तक कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिलने की सूचना है।
आयुक्त की जांच रिपोर्ट में हुआ था फर्जीवाड़ा का खुलासा
आयुक्त की जांच रिपोर्ट में सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री मामले में फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ था। उक्त रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि प्रदीप बागची नामक व्यक्ति ने फर्जी रैयत बनकर जगत बंधु टी इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक दिलीप कुमार घोष को उक्त जमीन बेच डाली थी।
जमीन की खरीद-बिक्री के लिए रजिस्ट्री में प्रदीप बागची ने जिन होल्डिंग नंबर से संबंधित दो अलग-अलग कागजातों को लगाया था, वह जांच में फर्जी मिले थे। इसके बाद रांची नगर निगम की ओर से भी बरियातू थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
छवि रंजन के रांची स्थित सरकारी आवास पर कार्रवाई
रांची नगर निगम के कर संग्रहकर्ता दिलीप शर्मा ने नगर आयुक्त के आदेश पर जून 2022 में प्रदीप बागची के विरुद्ध जालसाजी के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रदीप बागची ने फर्जी आधार कार्ड, फर्जी बिजली बिल, फर्जी पोजेशन लेटर दिखाकर दो-दो होल्डिंग ले लिया था।
आयुक्त की जांच में सेना के कब्जे वाले जमीन का असली रैयत जयंत करनाड मिला था। ईडी ने इस पूरे मामले में मनी लांड्रिंग के तहत केस दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया था।
कोर्ट ने थाने को आरोपियों पर FIR करने का दिया था आदेश
मामला सामने आने के बाद रांची के सिविल कोर्ट ने बरियातू थाना को रांची के दो रजिस्ट्रार घासी राम पिंगुआ व वैभव मणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त मुकेश कुमार, बड़गाईं के अंचलाधिकारी मनोज कुमार, फर्जी रैयत प्रदीप बागची, खरीदार जगतबंधु टी-इस्टेट के निदेशक दिलीप कुमार घोष, जयप्रकाश नारायण सिन्हा, मेसर्स गोयल बिल्डर्स अपर बाजार के निदेशक, मोहम्मद जैकुल्लाह और मानवेंद्र प्रसाद पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था।
आरोपियों पर जान बूझकर फर्जीवाड़ा कर दूसरे की जमीन की खरीद-बिक्री का आरोप है। दिलीप कुमार घोष ने सात करोड़ रुपये में प्रदीप बागची नामक कथित रैयत से सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन खरीदी थी।
सिमडेगा के राजस्व अधिकारी पर भी कार्रवाई जारी
इसके अलावा, ईडी की टीम सिमडेगा में एक राजस्व अधिकारी के यहां छापामारी कर रही है। राजस्व अधिकारी भानू प्रताप के झूलन सिंह चौक के समीप अधिकारी के पैतृक आवास पर कार्रवाई चल रही है। भानू प्रताप बड़गाईं में सीआई के पद पर पदस्थापित है।
राजस्व अधिकारी के यहां छापामारी
जमीन घोटाले से संबंधित मामले में ईडी कई राजस्व अधिकारी और जमीन कारोबारियों के यहां छापेमारी अभियान चला रही है। जानकारी के अनुसार ईडी की टीम सुबह करीब 7:30 बजे राजस्व अधिकारी के आवास पहुंची थी। जिसके बाद से लगातार छापामारी अभियान जारी है।
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