ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर कोतवाली क्षेत्र के देवला गांव में पड़ोसी राघवेंद्र ने दो वर्षीय मानसी को दो लाख रुपये की फिरौती के लिए अगवा किया और पकड़े जाने के डर से हत्या कर दी। पुलिस ने बलिया निवासी आरोपी राघवेंद्र को गिरफ्तार कर मंगलवार को वारदात का खुलासा किया।
आरोपी ने नौ अप्रैल को बच्ची को अगवा करने के बाद मुंह बंदकर आटे के ड्रम में बंद कर दिया था, लेकिन वह किसी तरह ड्रम से बाहर निकलकर रोने लगी। इस दौरान बच्ची के पिता शिवकुमार, परिजन और कंपनी के कर्मचारी घर के आसपास मानसी को तलाश रहे थे।
पकड़े जाने के डर से राघवेंद्र ने शाम लगभग 6:30 बजे शॉल से मुंह दबाकर बच्ची की हत्या कर दी। शव ठिकाने लगाने के इरादे से पिठ्ठू बैग में दरवाजे के पीछे खूंटी पर टांग दिया था।
नौ अप्रैल को मानसी का शव मिला था
पुलिस ने नौ अप्रैल को पड़ोसी राघवेंद्र के कमरे से पिठ्ठू बैग में टंगे मानसी के शव को बरामद कर लिया था। सोमवार को पुलिस ने आरोपी को गाजियाबाद रेलवे स्टेशन प्रीपेड टैक्सी बूथ के पास से गिरफ्तार किया है।
राजस्थान या पंजाब भागना चाहता था आरोपी
राघवेंद्र के घर की ओर चीटियां जाता देख लोगों को शक हुआ था। बैग में टंगे बच्ची के शव से निकल रहे खून पर चीटियां जा रही थीं। ऐसे लोगों ने इस बारे में पूछा तो आरोपी ने बताया कि कि उसके कमरे कोई चूहा मर गया होगा। इसके बाद आरोपी भेद खुलने की आशंका से भाग गया। राघवेंद्र का चाचा लुधियाना में जबकि भाई जैसलमेर में काम करता है। आरोपी भाई या पिता के पास जाने के लिए गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर पहुंचा था।
एफआईआर की जानकारी लेने राघवेंद्र अगले दिन थाने पहुंचा
पुलिस ने बताया कि आरोपी परिजन के साथ रहकर मानसी को तलाशने में मदद का नाटक कर रहा था। वह यह भी निगरानी कर रहा था कि पुलिस क्या कार्रवाई कर रही है। आरोपी यह पता लगाने के लिए
अपहरण के अगले दिन सूरजपुर कोतवाली पहुंच गया था कि पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है या नहीं। आरोपी ने सादे कपड़ों में मौजूद एक पुलिसकर्मी और बच्ची के परिजन के सामने कहा था कि 24 घंटे हो गए,
आखिर पुलिस क्या कर रही है।
नदी या जंगल में फेंकने के लिए बैग में रखा शव
आरोपी ने बताया कि किसी को शक न हो इसलिए शव को पिठ्ठू बैग में लेकर जाता। वह शव को पक्षी विहार या किसी जंगल में या फिर नदी में फेंक देता, फिर फिरौती मांगता।
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