श्रीनगर । घाटी में कश्मीरी पंडितों की हत्या के बाद,कश्मीरी पंडित कर्मचारी घाटी छोड़कर जम्मू चले गए थे। सरकार ने इन्हें कई महीने का भुगतान भी नहीं किया था। सरकार इन कर्मचारियों को एक बार फिर जम्मू से घाटी में लेकर आई है। कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को सुरक्षित तरीके से होटलों में ठहराया जा रहा है। इन्हें 6 माह के लंबित वेतन का भुगतान भी किया जा रहा है।
विधानसभा चुनाव के पहले सरकार ने कश्मीरी पंडितों के लिए जो आवास बनाए जा रहे हैं। उनके निर्माण का काम तेज कर दिया है। कश्मीरी पंडितों को यह घर सरकारी अनुदान पर दिए जायगें।घाटी के 7 स्थानों पर कश्मीरी पंडितों के लिए आवासीय फ्लैट बनाने का काम तेजी के साथ चल रहा है। सरकार का दावा है कि हर कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को आवासीय फ्लैट इस साल के अंत तक आवंटित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री पैकेज के तहत 6000 प्रवासी कर्मचारियों को चुना गया था। इसमें 4500 कश्मीरी पंडित थे।इनमे 1500 कर्मचारी मुसलमान और सिख समुदाय के थे। जो 90 के दशक में कश्मीर छोड़कर चले गए थे।
कश्मीरी पंडितों के शादीशुदा जोड़ों को एक ही जिले में नियुक्ति दी जाएगी। इनकी सुरक्षा के पुख्ता व्यवस्था की जा रही है। टारगेट किलिंग से आगे कोई दिक्कत ना हो। उसकी सुरक्षा के इंतजाम किए जा रहे हैं। विधानसभा चुनाव के पहले कश्मीरी पंडितों को भरोसा दिलाया जा रहा है। कि उनके साथ जो हो चुका है, भविष्य में नहीं होगा। वह पूर्णता सुरक्षित रहेंगे।
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