नई दिल्ली । गद्दार के मुद्दे पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच जुबानी जंग छिड़ गई हैं, इतना ही नहीं मामला इतिहास पर पहुंच गया है। एक ओर कांग्रेस नेता रमेश ने सिंधिया के सामने उनके परिवार के अतीत का जिक्र कर कविता साझा कर दी। वहीं, इसके जवाब में सिंधिया ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की किताब के अंश पेश कर दिए। सिंधिया ने कांग्रेस पर मोदी सरनेम और सेना से सबूत सहित कई मामलों में घेरा था। उन्होंने कहा था, …कांग्रेस की कोई विचारधारा नहीं बची है, और ऐसी कांग्रेस पार्टी की केवल एक विचारधारा बची हुई है और वहां है, एक देशद्रोही की विचारधारा की। इस पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता रमेश ने ट्वीट किया, क्या वह सुभद्रा कुमारी चौहान की झांसी की रानी पर लिखी कविता भूल गए हैं। उन्होंने लिखा, अंग्रेजों के मित्र सिंधिया ने छोड़ी राजधानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वह तब झांसी वाली रानी थी। दरअसल, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य साल 1947 तक ग्वालियर पर राज करने वाले सिंधिया राजवंश से आते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने रमेश के सवाल का जवाब नेहरू की किताब के जरिया दिया और उन्हें कविताओं से ज्यादा इतिहास पढ़ने की सलाह दी। उन्होंने गिल्मपस ऑफ वर्ल्ड हिस्ट्री किताब का अंश साझा किया, इस प्रकार उन्होंने (मराठों ने) दिल्ली साम्राज्य को जीता। मराठा ब्रिटिश वर्चस्व को चुनौती देने के लिए बने रहे। लेकिन मराठा शक्ति ग्वालियर के महादजी सिंधिया की मृत्यु के बाद टुकड़े-टुकड़े हो गई। उन्होंने किताब के हवाले से बताया, मराठाओं ने 1872 में दक्षिण को हराया। उत्तर में ग्वालियर के सिंधिया का वर्चस्व था और उन्होंने दिल्ली के साम्राज्य पर नियंत्रण किया। सिंधिया ने कांग्रेस नेता पर भी पाखंडी होने के आरोप लगाए।
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